मेदिनीनगर. मेदिनीनगर शहरी क्षेत्र में जल संकट बरकरार है. आषाढ़ माह के 27 दिन बीत गये, लेकिन पर्याप्त बारिश नहीं होने के कारण जल स्तर काफी नीचे है. इस वजह से अधिकांश बोरिंग सूखे हुए हैं. जिससे लोग पानी की जुगाड़ में भटकते नजर आते हैं. खासकर ड्राई जोन इलाके की स्थिति काफी खराब है. इधर शहर की जलापूर्ति व्यवस्था भी चरमरा गयी है. इन दिनों गंदे जल की आपूर्ति भी लोगों की परेशानी का सबब बना हुआ है. लोगों की मानें तो करीब एक सप्ताह से गंदे जल की आपूर्ति की जा रही है. उस पानी का कोई उपयोग नहीं हो सकता. बेलवाटिका पंपूकल एवं सुदना जलापूर्ति केंद्र से मटमैला पानी की आपूर्ति हो रही है. जो किसी काम का नहीं है. पीएचइडी तथा नगर निगम से इसकी शिकायत की गयी, लेकिन जलापूर्ति में सुधार नहीं हुआ.
दो साल से नहीं हुई वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की सफाई :
शहरी जलापूर्ति योजना से शहर के एक दर्जन से अधिक मुहल्लों में जलापूर्ति की जाती है. बेलवाटिका स्थित पंपूकल से पानी फिल्टर कर जलमीनार के माध्यम से जलापूर्ति की व्यवस्था है. स्टेशन रोड, आइटीआइ मैदान, पीएचइडी कार्यालय परिसर, जिला स्कूल मैदान एवं बीएन कॉलेज मैदान में बनी जलमीनार से एक दर्जन से अधिक मुहल्ले में जलापूर्ति की जाती है. इसके अलावा मुंसफ रोड, जेलहाता, कुंड मुहल्ला व हमीदगंज के कुछ इलाके में सीधी जलापूर्ति की जाती है. मालूम हो कि बेटवाटिका स्थित पंपूकल में पीएचइडी का वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगा है. जहां कोयल नदी से पानी का उठाव कर फिल्टर किया जाता है. जानकारी के मुताबिक पिछली बार सितंबर 2022 में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की सफाई की गयी थी. इसके बाद दो वर्षों में प्लांट गंदगी से भर गया है. इंटक वेल नहीं रहने के कारण जलापूर्ति के लिए कोयल नदी से सीधे पानी का उठाव किया जाता है. वर्तमान में कोयल नदी में मटमैला पानी बह रहा है. विभाग की मानें, तो वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में गंदगी भरी रहने के कारण पाइप जाम हो गया था. काफी मशक्कत के बाद पाइप की सफाई की गयी. इस दौरान वाटर टैंक में भी गंदगी जमा हो गयी है. इस वजह से गंदे जल की आपूर्ति हो रही है. यह स्थिति करीब एक सप्ताह तक रहेगी.जलापूर्ति की स्थिति से डीसी को कराया अवगत :
भाजपा नेता परशुराम ओझा ने शहर में गंदे पानी की आपूर्ति के मामले से डीसी को अवगत कराया है. व्यवस्था में सुधार के लिए उनसे पहल करने की मांग की है. श्री ओझा के मुताबिक पानी साफ करने के लिए चूना व फिटकिरी पर्याप्त मात्रा में नहीं मिलाया जाता है. इस वजह से कोयल नदी से उठाया गया पानी साफ नहीं हो पाता है और कर्मचारी उसकी आपूर्ति कर देते हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है