निगम प्रशासन ने शहरी जलापूर्ति योजना को लिया हैंडओवर, संचालन शुरू
नगर निगम प्रशासन ने शहरी जलापूर्ति योजना को हैंडओवर ले लिया है. एक दिसंबर से निगम प्रशासन की देखरेख में शहरी जलापूर्ति योजना का संचालन शुरू हो गया.
मेदिनीनगर. नगर निगम प्रशासन ने शहरी जलापूर्ति योजना को हैंडओवर ले लिया है. एक दिसंबर से निगम प्रशासन की देखरेख में शहरी जलापूर्ति योजना का संचालन शुरू हो गया. मालूम हो कि एक मई 2005 को शहरी जलापूर्ति योजना फेज वन का उदघाटन हुआ था. उस समय से लेकर वर्ष 2013-14 तक पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के द्वारा इसका संचालन किया जा रहा था. बताया जाता है कि जब विभाग अपनी देखरेख में इसका संचालन करता था, तो शहरवासियों को शुद्ध पेयजल पर्याप्त मात्रा में नियमित उपलब्ध हो रहा था. लेकिन वर्ष 2014 के बाद शहरी जलापूर्ति योजना के संचालन की व्यवस्था में बदलाव आया. आउटसोर्सिंग के जरीये इस जलापूर्ति योजना का संचालन होने लगा. संवेदक की देखरेख में यह जलापूर्ति योजना संचालित हो रही थी. सरकार के द्वारा प्रत्येक वर्ष संवेदक को अच्छी खासी रकम दी जाती थी. लेकिन संवेदक ने अधिक मुनाफा कमाने के लिए जलापूर्ति व्यवस्था को सुव्यवस्थित तरीके से संचालित करने में कोताही बरतने लगा. उसके बाद जलापूर्ति व्यवस्था प्रभावित होने लगी. इधर विभाग भी इस जलापूर्ति योजना की व्यवस्था के प्रति उदासीन रहा. ऐसी स्थिति में शहरवासियों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा था. शुद्ध पेयजल के नाम पर जो पानी आपूर्ति होती थी, उससे लोग संतुष्ट नहीं थे. क्योंकि बगैर फिल्टर किये ही नदी से पानी का उठाव कर आपूर्ति कर दी जाती थी. वही कई बार गंदे व दुर्गन्ध युक्त पानी की आपूर्ति की शिकायत लोग प्रशासन से करते थे. इस मामले को लेकर लोग हमेशा मुखर रहते थे. निगम के नगर आयुक्त मोहम्मद जावेद हुसैन ने बताया कि जब से यहां उनकी पदस्थापना हुई है, तब से इस तरह की शिकायत मिलती रहती है. इस शिकायत को दूर करने व शहरवासियों को नियमित रूप से पर्याप्त शुद्ध जलापूर्ति का लाभ पहुंचाने के लिए कई बिंदुओं पर गहन मंंथन किया गया. नगर आयुक्त ने बताया कि विचार मंथन के बाद यह तय किया गया कि निगम प्रशासन स्वयं इस जलापूर्ति योजना का संचालन करेगा. नगर आयुक्त ने इसे व्यवस्थित कर संचालित करने के लिए टीम गठित कर दी है. सिटी मैनेजर दिलीप कुमार, पाइप लाइन इंस्पेक्टर छोटे लाल गुप्ता, सहायक अभियंता व कनीय अभियंता को निर्देश दिया गया है कि शहरी जलापूर्ति योजना की तकनीकी खराबियों का आकलन करें और उसे एक माह के अंदर दुरुस्त करें, ताकि लोगों को नियमित रूप से पर्याप्त शुद्ध पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करायी जा सके.
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