करोड़ों रुपये गबन का मुख्य आरोपी गढ़वा के पूर्व उप डाकपाल पलामू से गिरफ्तार, मामला दर्ज होने के बाद से थे फरार
गढ़वा पुलिस ने करोड़ों रुपये सरकारी राशि का गबन करने के मामले में रमना उप डाकघर के पूर्व उप डाकपाल कामेश्वर राम को पलामू से गिरफ्तार किया. इस मामले में CBI ने उसकी जमीन व संपत्ति को जब्त करने की कार्रवाई भी शुरू की थी.
Jharkhand Crime News (गढ़वा) : गढ़वा पुलिस ने करोड़ों रुपये सरकारी राशि के गबन के मुख्य आरोपी रमना उप डाकघर के पूर्व उप डाकपाल कामेश्वर राम को मेदिनीनगर से गिरफ्तार कर लिया है. उप डाकपाल पर 2,10,41,382 रुपये लाभुकों के गबन कर लिये जाने का आरोप है.
मालूम हो कि इस मामले में उप डाकपाल के अलावे तीन अन्य को भी इस गबन में आरोपी बनाया गया था. इसमें भवनाथपुर के अरसली निवासी अश्विनी कुमार ठाकुर, पलामू के पोखराहा गांव निवासी मंजीत कुमार एवं संजय कुमार गुप्ता का नाम शामिल है. इनमें से कामेश्वर राम को छोड़कर शेष तीनों आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया था, जो फिलहाल जमानत पर हैं. जबकि गबन के मुख्य आरोपी कामेश्वर राम वर्ष 2019 से ही फरार चल रहे थे.
इसकी जानकारी देते हुए गढ़वा एसपी अंजनी कुमार झा ने बताया कि 26 जून को प्राथमिकी दर्ज किये जाने के बाद नगरउंटारी के पुलिस इंस्पेक्टर राजेश कुमार को इसका अनुसंधानकर्ता बनाया गया था. उन्होंने गुप्त सूचना के आधार पर उप डाकपाल को सोमवार को उनके अघोर आश्रम सूदना रोड डालटनगंज स्थित आवास से गिरफ्तार किया है.
उल्लेखनीय है कि गढ़वा के सहायक डाक अधीक्षक के आवेदन के आधार पर उप डाकपाल पर रमना थाना में 26 जून, 2019 को प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. जिसमें आवर्ती जमा खातों (Recurring Deposit Accounts) से हुए प्रथम भुगतान के बाद फर्जी रूप से अलग-अलग तारीखों में भुगतान दिखाकर सरकारी राशि निकाल लिए जाने का आरोप लगाया गया था. साथ ही कहा गया था कि गबन की यह राशि और अधिक हो सकती है.
बताया गया कि इस मामले में CBI ने उसकी जमीन व संपत्ति को जब्त करने की कार्रवाई शुरू की थी. इस सिलसिले में CBI ने पलामू निबंधन विभाग को पत्र लिखकर कामेश्वर राम और उसके परिजनों के नाम से बनायी गयी जमीन और संपत्ति का ब्यौरा मांगा था. CBI ने पलामू और गढ़वा के सभी डाकघर को भी पत्र लिखकर कामेश्वर व उसके परिवार की ओर से निवेश की गयी संपत्ति की जानकारी मांगी थी.
क्या था मामला
वर्ष 2019 में गढ़वा जिले के रमना और नगरउंटारी उपडाकघर में कामेश्वर राम ने पोस्टमास्टर के पद पर रहते हुए करोड़ों रुपये की संपत्ति का गबन किया था. लाभुकों के विभिन्न आवर्ती खातों से हुए प्रथम भुगतान के बाद फर्जी तरीके से अलग-अलग तारीखों में फर्जी भुगतान कर सरकारी राशि निकाल ली गयी थी. इस मामले में रमना थाना में प्राथमिकी दर्ज कराते हुए कामेश्वर राम को तभी से सस्पेंड कर दिया गया है. पुलिस जांच के बाद मामला बढ़ते देख CBI को सौंप दिया गया था. जिसके बाद CBI ने कई दिनों तक सैकड़ों खाताधारकों को स्थानीय कार्यालय में बुलाकर जांच-पड़ताल किया था.
Also Read: रांची के न्यू मधुकम क्षेत्र से दो टन नकली मसाला जब्त, जानें कहां-कहां होती है सप्लाई
CBI के पूरी तरह जांच के बाद निबंधन विभाग ने कामेश्वर राम के नाम से उसके गृह क्षेत्र के तीन गांवों में खरीदी गयी पौने दो करोड़ की जमीन की जानकारी दी थी. निबंधन विभाग ने CBI को दिये ब्यौरे में बताया था कि पलामू जिले के हैदरनगर प्रखंड की खरगड़ा पंचायत के सजवन, सलेमपुर और चेचरिया में 8 एकड़ जमीन कामेश्वर राम द्वारा खरीदी गयी है. जिसका बाजार मूल्य करीब 1 करोड़ 75 लाख रुपये है.
CBI ने मार्च 2021 में निबंधन कार्यालय को पत्र लिखा था. इसके आलोक में गत 23 जून को कार्यालय की ओर से ब्यौरा उपलब्ध कराया गया है. आरोपी पोस्टमास्टर हैदरनगर थाना क्षेत्र के सलेमपुर के निवासी हैं. सहायक डाक अधीक्षक शंकर कुजूर ने मामले की जांच कर पोस्टमास्टर कामेश्वर पर सरकारी राशि गबन करने का आरोप लगाते हुए स्थानीय थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी थी.
उप डाकपाल कामेश्वर राम के खिलाफ ग्राहकों के विभिन्न आवर्ती खातों से हुए प्रथम भुगतान के बाद फर्जी तरीके से अलग-अलग तारीखों में पुनः भुगतान कर सरकारी राशि का गबन करने का आरोप है. इस मामले में दर्जनों ग्राहक आज भी जमा की गयी राशि का भुगतान पाने के लिए डाकघर का चक्कर लगा रहे हैं, जबकि लंबी जांच प्रक्रिया से गुजरने के बाद कुछ ग्राहकों का भुगतान विभाग की ओर से किया जा चुका है.
Posted By : Samir Ranjan.