निर्माण के तीन माह बाद ही उड़ गयी श्मशान घाट के शेड की छत
काम के नाम पर खानापूर्ति कर राशि की बंदरबांट करने का आरोप
छतरपुर.
नगर पंचायत क्षेत्र में करीब तीन माह पहले छह श्मशान घाट का निर्माण कराया गया है. इन पर करीब 54 लाख रुपये खर्च किये गये हैं. लेकिन महज कुछ महीने में ही श्मशान घाट के शेड जर्जर हो चुके हैं. रामगढ़, मंदेया नदी के तट पर, मदनपुर के उंटवा नाला के समीप, बैरियाडीह, केवाल पर और करमा कला डैम के समीप श्मशान घाट का निर्माण कराया गया है. एक श्मशान घाट के निर्माण पर नौ लाख रुपये की लागत आयी है. विनय ठाकुर, अरविंद गुप्ता, राधे मिश्रा, अमित ठाकुर, रितेश सोनी, अर्जुन कुमार सहित कई लोगों ने बताया कि श्मशान घाट के निर्माण में भारी अनियमितता बरती गयी है. किसी श्मशान घाट के निर्माण में दो लाख से अधिक खर्च नहीं किया गया है. शेष राशि अधिकारी, बिचौलिया व ठेकेदार डकार गये हैं. नगर पंचायत क्षेत्र में ऐसी दर्जनों योजनाएं हैं, जिसमें खानापूर्ति कर राशि की बंदरबांट कर ली गयी है. लोगों ने इसकी जांच कर दोषी अधिकारी पर कार्रवाई व ठेकेदार को काली सूची में डालने की मांग की है. लोगों ने बताया कि श्मशान घाट का निर्माण जमीन की सतह से ही कर दिया गया है. वहीं छत पर जो करकट लगाया गया है, गुणवत्ता सही नहीं होने के कारण वह हल्की हवा में ही उड़ गया. प्राक्कलन के अनुरूप छत में लोहे का एंगल व करकट नहीं लगाया गया, जिस कारण शेड क्षतिग्रस्त हो गया. लोगों का यह भी कहना है कि किसी भी योजना का टेंडर ऑनलाइन व गोपनीय तरीके से होता है. लेकिन नगर पंचायत में कोई भी छोटी-बड़ी योजना का टेंडर हो, वह खास तीन-चार लोगों को ही मिलता है. इससे साफ पता चलता है कि उन खास ठेकेदारों को काम देकर राशि की बंदरबांट कर ली जाती है. शेड क्षतिग्रस्त हुआ है, तो जांच की जायेगी : जेइइस संबंध में पूछे जाने पर नगर पंचायत कार्यालय में पदस्थापित कनीय अभियंता पंकज कुमार ने कहा कि नौ-नौ लाख की लागत से उक्त स्थानों पर श्मशान घाट का निर्माण कराया गया है. टेंडर में 30 प्रतिशत विलो होने के कारण गुणवत्ता पूर्ण निर्माण नहीं हो पाता है. शेड क्षतिग्रस्त हुआ है, तो इसकी जांच की जायेगी.
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