बालू संकट गंभीर समस्या बन गयी है. हुसैनाबाद में बालू नहीं मिलने के कारण विकास कार्य पूरी तरह से बंद है. वहीं भवन निर्माण कर रहे लोगों की भी परेशानी बढ़ गयी है. बरसात आने वाली है. बरसात के दिनों में बिना आशियाना के कैसे काम चलेगा, यह चिंता लोगों को सता रही है. बालू के अभाव में सरकारी या निजी भवन निर्माण कार्य नहीं हो पा रहा है.
सूत्र बताते हैं कि हुसैनाबाद प्रखंड में प्रधानमंत्री आवास योजना के 1668 आवास अधूरा पड़े हैं. नगर पंचायत क्षेत्र में 250 लाभुकों का आवास अधूरा है. वहीं निजी क्षेत्रों में भवन निर्माण में जुटे लोगों का निर्माण कार्य बालू के अभाव में बंद है. चोरी-छिपे बालू की बिक्री भी बंद है. हालांकि लोग काफी महंगे दाम पर बालू की व्यवस्था कर लेते थे. ताकि किसी तरह बरसात के पहले आशियाना बना लें. लेकिन अब बिल्कुल बंद है.
बालू नहीं मिलने के कारण निजी या सरकारी भवन निर्माण का कार्य बंद है. इसके कारण दिहाड़ी मजदूरों को रोजगार नहीं मिल रहा है. निर्माण कार्य से जुड़े मजदूरों के रोजी-रोटी पर संकट उत्पन्न हो गया है.
पंचायत चुनाव को लेकर बालू घाटों के टेंडर की नहीं मिली अनुमति : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2022 को लेकर झारखंड निर्वाचन आयोग ने सरकार को बालू घाटों का टेंडर करने की अनुमति नहीं दी है. वहीं एनजीटी कोलकाता द्वारा पारित आदेश के आलोक में राज्य के बालू घाटों से बालू का उठाव बारिश के मौसम में नहीं होना है. जिसके कारण 10 जून से 15 अक्तूबर तक बालू खनन पर पूर्णतः रोक रहेगी.
इस संबंध में अधूरे आवास योजना के लाभार्थियों का कहना है कि सरकार को कोई बीच का रास्ता निकाल कर इस गंभीर समस्या का समाधान ढूंढना चाहिए. ताकि बरसात के पूर्व घर बना सकें. बालू के बिना रोजी- रोजगार के साथ-साथ इस रोजगार से जुड़े लोगों को राहत मिल सके. नगर अध्यक्ष शशि कुमार,हुसैनाबाद व्यापार मंडल अध्यक्ष कृष्णा बैठा ने संयुक्त रूप से सरकार से इस दिशा में ठोस पहल करने की मांग की है. उन्होंने बालू के अवैध खनन पर रोक लगाने व वैकल्पिक व्यवस्था करने की मांग की है.