Tourist Places In Jharkhand, पलामू न्यूज (जफर हुसैन) : झारखंड के पलामू जिले के मोहम्मदगंज व इसके आसपास के क्षेत्रों में पर्यटन के दृष्टिकोण से कई महत्वपूर्ण प्राकृतिक स्थल हैं, जो सैलानियों के आकर्षण का केंद्र बन गए हैं. किंवदंतियों के अनुसार महाभारत कालीन भीम चूल्हा स्थल पर सरकार और ग्रामीणों के सहयोग से पहले शिव मंदिर व बाद में पार्क का निर्माण व माता कुंती के अलावा पांच पांडवों की आदमकद प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं. अब एक और उपलब्धि इसमें जुड़ेगी. संवेदक पवन कुमार सिंह के अनुसार भीमचुल्हा पर भिलाई कारखाने में एफआरसी मेटल की बनी कड़ाही चढ़ाने की योजना है, जो 40 से 70 किग्रा की होगी. इससे इस पर्यटन स्थल का अद्भुत नजारा देखने को मिलेगा.
मोहम्मदगंज-महुडंड पथ में सीताचुआं नामक स्थान पर सालोंभर निरंतर बहता पानी व वटवृक्ष तले विश्राम के लिए पड़ाव के तौर पर विकास व सौदर्यीकरण की बाट जोह रहा है. इसी मार्ग में लकड़ही पहाड़ पर दो छोटे पत्थरों पर सदियों से टिका विशालकाय पत्थर प्रकृति प्रदत्त अनुपम उपहार के रूप में जाना जाने लगा है. इस पत्थर को आर्कोलॉजिस्ट अभिषेक कुमार ने मेगालिथ जैसा बताया है. उनका मानना है कि इस क्षेत्र में काफी संख्या में ऐसे पत्थर विद्यमान हैं. जिनके संरक्षण की जरूरत है. वहीं गोलापत्थर जो इसी नाम के गांव में भगवान शिव के रूप में पूजा जाता है, वह जीवाश्म है. इसी का जोड़ा एक और गोल पत्थर नैया व लमिया नामक पहाड़ के बीच गिजीन के वृक्ष पर टिका हुआ है.
Also Read: Jharkhand News : ब्लैकआउट के दौरान भी रांची में होती रहेगी बिजली आपूर्ति, बिजली संकट से निबटने का ये है प्लानस्थानीय निवासी रामजन्म राम का कहना है कि वहीं से काफी वर्षों पहले किसी बुजुर्ग ने दूसरे गोल पत्थर को गांव में ले जाकर स्थापित किया था. तभी से गांव का नाम भी गोलापत्थर पड़ गया है. स्थानीय पत्रकार शंभू चौरसिया का कहना है कि आसपास का पूरा इलाका कई प्रकृति प्रदत्त अद्भुत व आकर्षक उपहारों से भरा पड़ा है. जिन्हें एक सर्किट में जोड़कर उनको विकसित व संरक्षित करने की जरूरत है. प्रथम चरण में ऐतिहासिक महत्व के भीम चूल्हा के विकास से इस क्षेत्र को बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है.
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