बालिका गृह मामले में राज्य स्तरीय टीम ने शुरू की जांच, दो गये जेल
बालिका गृह मामले में समाज कल्याण विभाग के सचिव मनोज कुमार ने निर्देश पर उप सचिव विकास कुमार की अध्यक्षता में एक टीम पलामू जांच करने पहुंची.
मेदिनीनगर. बालिका गृह मामले में समाज कल्याण विभाग के सचिव मनोज कुमार ने निर्देश पर उप सचिव विकास कुमार की अध्यक्षता में एक टीम पलामू जांच करने पहुंची. चार सदस्यीय टीम ने रविवार दोपहर 1.15 बजे वन स्टॉप सेंटर में जांच करने के लिए गयी है. रविवार शाम छह बजे तक जांच जारी थी. बालिका गृह मामले 28 बच्चियों को शनिवार देर शाम सखी वन स्टॉप सेंटर में ला कर सुरक्षित रखा गया है. जांच टीम सभी लोगों से बारी-बारी से पूछताछ कर रही है. जानकारी के अनुसार आइसीपीएस के सभी अधिकारियों से भी इस संबंध में पूछताछ की जा रही है. महिला थाना प्रभारी ने लड़कियों से बयान लिया है. इधर रविवार शाम चार बजे जिले के डीडीसी शब्बीर अहमद भी सखी वन स्टॉप सेंटर जांच करने के लिए पहुंचे थे. जानकारी के अनुसार झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण झालसा ने भी इस मामले में संज्ञान लिया है. वे भी अपने स्तर से जांच कर रही है. इसके लिए दो महिला पैरा लीगल वॉलिंटियर्स पीएलवी को भेजा गया था. महिला पीएलवी ने इस संबंध में लड़कियों से भी बयान लिया है. महिला पीएलवी ने अपनी रिपोर्ट डालसा को सौंप दी है. बाल सुधार गृह संचालित करनेवाले विकास इंटरनेशनल के राम प्रताप गुप्ता व काउंसलर प्रियंका का मोबाइल पुलिस ने जब्त कर जांच शुरू कर दी है. देर शाम पोक्सो एक्ट में केस दर्ज कर इनदोनों को जेल भेज दिया गया. इस मामले में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश नीरज कुमार श्रीवास्तव ने भी दोपहर 2:30 बजे सखी वन स्टॉप सेंटर में पहुंच कर जांच की. उन्होंने वहां एक घंटे तक पूरी जांच की. उसके बाद वे दोपहर 3:30 बजे लौट गये. महिला एवं समाज कल्याण विभाग के सचिव मनोज कुमार ने बताया कि उपसचिव विकास कुमार की अध्यक्षता में चार सदस्यीय टीम को जांच कर रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है.
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