पलामू के पांकी में पांच दिन बाद इंटरनेट सेवा बहाल, धारा 144 अभी भी लागू
पलामू के पांकी में हुए हिंसा के घटना के बाद सावधानी बरतते हुए पूरे जिले में इंटरनेट सेवा रोक दी गई थी. आज 19 फरवरी रविवार को प्रसाशनिक विमर्श के बाद इंटरनेट सेवा फिर से बहाल कर दी गई है. इससे लोगों ने राहत का सांस ली.
पलामू, सैकत चटर्जी : पलामू के पांकी में हुए हिंसा के घटना के बाद इंटरनेट सेवा बहाल कर दी गई है. आज 19 फरवरी रविवार को सुबह के 10:30 बजे से ही प्रसाशनिक विमर्श के बाद इंटरनेट सेवा फिर से बहाल कर दी गई है. लेकिन धारा 144 अभी भी लागू है. दरअसल, पांकी में हुए विवाद के पांच दिन के बाद स्थिति सामान्य होने का आसार दिखने लगा है. प्रशासनिक पदाधिकारियों ने भी इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि स्थिति को नियंत्रण में रखते हुए सामान्य बनाने का लगातार प्रयास किया जा रहा है. प्रशासनिक हस्तक्षेप व आमजनों के सहयोग से पांकी की स्थिति पूर्व की तरह बहाल होने की पूरी उम्मीद दिख रही है. जल्द ही पांकी में आम जनजीवन सामान्य हो जायेगा.
इधर, आमलोग भी जल्द ही इस विकट स्थिति से उबरने की उम्मीद लगाये बैठे हैं. स्थिति बिगड़ने से व्यवसायी, विद्यार्थी, मजदूर सहित अन्य लोग प्रभावित हो गये है. इधर पांकी में घटना के कारण पूरे पलामू जिला में इसका असर पड़ा है. इंटरनेट के अलावा अन्य गतिविधियों पर भी असर देखने को मिल रहा है.
पांकी में नहीं निकली शिव बारात, कड़ी सुरक्षा के बीच मंदिरों में हुई पूजा
पुलिस प्रशासन की कड़ी चौकसी व सुरक्षा के बीच पांकी में महाशिवरात्रि पर्व मनाया गया. महाशिवरात्रि के अवसर पर भगवान शिव की बारात नहीं निकाली जा सकी. पांकी के राहेवीर पहाड़ी मंदिर से महाशिवरात्रि पर हर वर्ष भगवान शिव की बारात निकालने की परंपरा रही है. लेकिन पांकी के घटना के कारण वर्षों की यह परंपरा इस वर्ष टूट गयी. प्रशासन के निर्देश पर राहेवीर पहाड़ी मंदिर सहित पांकी प्रखंड मुख्यालय शिव मंदिर में कड़ी सुरक्षा के बीच पूजा अर्चना की गयी. राहेवीर पहाड़ी मंदिर में चतरा सांसद सुनील कुुमार सिंह, पांकी विधायक डॉ शशिभूषण मेहता अपने चार-चार समर्थकों के साथ मंदिर पहुंचे और पूजा अर्चना की. सांसद, विधायक सहित अन्य श्रद्धालुओं ने भगवान शिव से पूजा के बाद अमन, शांति व सौहार्द की कामना की. शनिवार की सुबह से दोपहर एक बजे तक श्रद्धालुओं ने मंदिर में पूजा अर्चना की.
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क्या था पूरा मामला
बता दें कि 15 फरवरी को महाशिवरात्रि को लेकर तोरण द्वार लगाने को लेकर दो समुदाय के बीच उत्पन्न विवाद में मारपीट, अगलगी व पत्थरबाजी की घटना हुई थी. इसके बाद प्रशासन ने धारा 144 लागू कर दिया. पांकी में शांति व सुरक्षा व्यवस्था को कायम रखने के लिए रैपिड एक्शन फोर्स व पुलिस बल की तैनाती की गयी थी. मंदिर जानेवाले रास्ते में काफी संख्या में पुलिस तैनात थी. वहीं मंदिर के पास रैपिड एक्शन फोर्स को लगाया गया था. इसका नेतृत्व 106 रैफ के डिप्टी कमांडेंट पार्थस पूर्ति कर रहे थे.