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पांकी बस स्टैंड में न तो प्रतीक्षालय है और न ही पीने के पानी की व्यवस्था

प्रखंड मुख्यालय स्थित बस स्टैंड में यात्रियों को सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है. ग्रामीण इलाके के प्रतिदिन सैकड़ों ग्रामीण यहां पहुंचते हैं.

पांकी. प्रखंड मुख्यालय स्थित बस स्टैंड में यात्रियों को सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है. ग्रामीण इलाके के प्रतिदिन सैकड़ों ग्रामीण यहां पहुंचते हैं. पांकी बस स्टैंड से रांची, गया बिहार, वाराणसी, मेदिनीनगर के लिए करीब तीन दर्जन बसें सहित सैकड़ों छोटे वाहनों का आना-जाना होता है, बावजूद इसके बरसों से यहां की स्थिति बदहाल है. ना तो यहां यात्रियों को ठहरने के लिए प्रतीक्षालय है और न ही प्यास बुझाने के लिए पानी की व्यवस्था. इसके साथ ही कर्पूरी ठाकुर चौक, भगत सिंह चौक, अंबेडकर चौक, राम जानकी मंदिर परिसर भी इस तरह की समस्याओं से जूझ रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों से हजारों लोग पांकी पहुंचते हैं, ऐसे में बस स्टैंड पर यात्रियों की आवाजाही रहती है. यात्रियों को गर्मी में तेज धूप व गर्म हवाओं के बीच भी खुले में बैठ कर बसों का इंतजार करना पड़ता है. एक प्रतीक्षालय है, भी तो वह काफी जर्जर अवस्था में है. इसी तरह विभिन्न पंचायत गांव कस्बे जाने के लिए ऑटो के ठहराव के लिए सिंचाई विभाग के मैदान में बने ऑटो स्टैंड का भी यही हाल है. जहां यात्री शेड सहित पानी की कोई व्यवस्था नहीं है. स्थानीय लोगों में रमेश गुप्ता, संदीप चौरसिया, बबलू चंद्रवंशी, अखिलेश गुप्ता, संतोष गुप्ता, प्रदीप चौरसिया, राजेश चौरसिया ने बताया कि यह समस्या लंबे समय से बनी हुई है. इसकी वजह से यात्रियों को तो परेशानी होती है, वहीं व्यवसायी जो दुकान संचालित करते हैं, उन्हें भी परेशानी होती है. बस स्टैंड पर सबसे ज्यादा पीने के पानी की दिक्कत होती है. यहां के जनप्रतिनिधियों सहित अधिकारियों को भी मामले से अवगत कराया गया है, लेकिन किसी के द्वारा भी संज्ञान लेकर इस मामले का निदान नहीं निकाला गया.

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