मोहम्मदगंज. रबी फसल की सिंचाई के लिए इस वर्ष भी हुसैनाबाद अनुमंडल के तीनों प्रखंड के किसानों की खेतों को पानी नहीं मिलेगा. पलामू जिला का सिंचाई विभाग के रूपांकन प्रमंडल दो के कार्यपालक अभियंता मिथलेश कुमार सिंह ने इस मामले में किसानों के लिए आम सूचना जारी की है. बताया है कि भीम बराज से निकली लेफ्ट व राइट कैनाल की लाइनिंग का अधूरा कार्य को पूरा करने के लिए विभाग ने यह निर्णय लिया है. नवंबर से अगले साल मार्च तक भीम बराज से निकली कांडी व हुसैनाबाद अनुमंडल क्षेत्र के किसानों को पानी नहीं मिलेगा. राइट कैनाल में एक सौ तीन आरडी तक कार्य को पूरा करना है. गढ़वा के कांडी क्षेत्र में भी यह कार्य पूरा नहीं किया गया है. किसान विभाग के इस फैसले से प्रभावित होंगे. विभाग के सहायक अभियंता संजीत कुजूर ने बताया कि कोलकाता की बेपकोस कंपनी को नहर की लाइनिग का कार्य पूरा करना है. इस कार्य को पूरा करने के लिए एजेंसी केसीपीएल को बहाल किया गया है. कार्य को 2024 तक पूरा करने का समय सीमा तय किया गया था. निर्धारित समय पर कार्य को पूरा नहीं होने से वर्ष 2025 के मार्च का समय सीमा तय किया गया, जबकि नहर में अब तक जीरो आरडी की दिशा में काम शुरू नही किया गया है. इधर, किसानों का कहना है कि एजेंसी ने कार्य को समय पर पूरा नहीं किया. इस वर्ष भी रबी फसल की सिंचाई नही होने से किसानों की परेशानी बढ़ी है. पिछले साल भी रबी फसल की सिंचाई के लिए नहर से पानी नहीं छोड़ा गया था, जबकि कार्य को पूरा करने की समय सीमा पिछले साल तक ही तय थी. एजेंसी व कंपनी की इस तरह की कार्यशैली से किसानों में आक्रोश है. खेतो में लगी रबी फसल इस वर्ष भी मारी जायेगी. लाभान्वित सभी किसान के खेत का इस नहर से ही सिंचाई होती है. इस वर्ष भी किसानों ने रबी फसल की बुआई पूरी कर ली है. नहर से सिंचाई की आस में बैठे किसानों के लिए विभाग का यह आदेश उनकी मेहनत पर पानी फेरने के समान है. मालूम हो कि भीम बराज से निकली मुख्य कोयल नहर से हैदरनगर, हुसैनाबाद व मोहम्मदगंज प्रखंड के करीब 2964 एकड़ रबी फसल की सिंचाई का लक्ष्य रखा गया है. नहर की लाइनिंग का कार्य समय पर पूरा नहीं होने से दो साल से बरबाद हो रही है. विभाग द्वारा जारी निर्देश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि रबी फसल की सिंचाई की व्यवस्था किसान खुद करेंगे. इसकी जिम्मेदारी विभाग की नहीं होगी . किसानों का कहना है 90 फीसदी किसानों की रबी फसल की सिंचाई भीम बराज से निकली मुख्य कोयल नहर से ही होती है. नहर में बेडलेबल का पानी का बहाव का मामला इस कार्य को पूरा करने वाली एजेंसी ने उठाया है. नहर का निचला सतह में पानी जमा होने के कारण लाइनिग का कार्य शुरू नहीं किया गया है, जबकि खरीफ फसल की सिंचाई के बाद अक्तूबर में ही बिहार के अभियंताओं ने नहर का पानी पूरी तरह बंद कर नहर का संचालन का जिम्मा मेदिनीनगर सिंचाई विभाग रूपांकन दो को सौप दिया है. कार्य को केंद्रीय जल आयोग की राशि से पूरा करना है.
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