बिहार की सीमा से सटे झारखंड के पलामू जिले में दुल्हन के परिवार ने शादी से ऐन पहले अपनी बेटी का ब्याह करने से इंकार कर दिया. बारात को बैरंग लौटना पड़ा. वह भी बिना दुल्हन के. पाटन में यह चर्चा का विषय बना हुआ है. हर कोई जानना चाह रहा है कि आखिर निकाह के लिए गये दूल्हे के साथ निकाह से ऐन पहले ऐसा क्या हो गया कि बेटी के परिवार वालों ने बारात को ही लौटा दिया. अपनी बेटी को विदा करने से इंकार कर दिया.
बता दें कि पाटन थाना क्षेत्र के सिरमा गांव में अब्बास मियां की पुत्री शबाना खातून का निकाह लातेहार जिला में तय हुआ था. लातेहार जिला के छिपादोहर के हरातु गांव से तय समय पर बारात पाटन के सिरमा गांव पहुंच गयी. शबाना खातून और अमरुद्दीन आलम के निकाह का कार्यक्रम चल रहा था. इसी दौरान अमरुद्दीन आलम को मिर्गी का दौरा पड़ गया. यह देख शबाना के परिवार वालों ने अमरुद्दीन के साथ अपनी बेटी का निकाह कराने से इंकार कर दिया.
अमरुद्दीन आलम और उसकी बारात को दुल्हन के बगैर वहां से लौटना पड़ा. मामला शनिवार की रात का है. अब्बास मियां की पुत्री की बारात लातेहार जिले के छिपादोहर के हरातु गांव से आयी थी. अब्दुल कयूम अंसारी के पुत्र अमरुद्दीन आलम से शबाना का निकाह होना था. बारात पहुंचने के बाद निकाह का कार्यक्रम चल ही रहा था कि दूल्हे को मिर्गी का दौरा पड़ गया.
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दूल्हे को मिर्गी का दौरा पड़ते ही वहां अफरा-तफरी मच गयी. दूल्हे की इस हालत को देखकर कन्या पक्ष के लोग चिंतित हो गये. कुछ ही देर के बाद उन्होंने अपनी बेटी का निकाह अमरुद्दीन से कराने से इंकार कर दिया. आखिरकार वर पक्ष के लोगों को वहां से लौटना पड़ा. हालांकि, इस बीच कुछ लोगों ने कन्या पक्ष के लोगों को समझाने का प्रयास किया. लेकिन, उन लोगों ने किसी की नहीं सुनी. बेटी का निकाह कराने से साफ इंकार कर दिया.