बच्चों को शिक्षा का अधिकार मिले, इसके लिए ईमानदारी से करें काम

बैक टू स्कूल कैंपेन को लेकर जिला स्तरीय कार्यशाला में डीसी शशि रंजन ने कहा

By Prabhat Khabar News Desk | July 13, 2024 9:26 PM

मेदिनीनगर. पलामू डीसी शशि रंजन ने कहा कि शिक्षा बच्चों का मौलिक अधिकार है. उन्हें यह अनिवार्य रूप से हर हाल में मिलनी चाहिए. यह तभी संभव है, जब शिक्षा विभाग से जुड़े पदाधिकारी व शिक्षक ईमानदारी से काम करेंगे. डीसी शनिवार को शहर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति नगर भवन में आयोजित स्कूल रूआर (बैक टू स्कूल कैंपेन) के जिला स्तरीय कार्यशाला में बोल रहे थे. कार्यशाला का आयोजन झारखंड शिक्षा परियोजना की पलामू इकाई ने किया था. डीसी ने कहा कि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए सरकार दृढ़ संकल्पित है. इसे लेकर सरकार द्वारा आवश्यक सुविधाएं एवं संसाधन उपलब्ध कराया जा रहा है. बावजूद बच्चों को शिक्षा रूपी उनका मौलिक व अनिवार्य अधिकार नहीं मिलना किसी भी दृष्टिकोण से उचित नहीं है. बच्चों को शिक्षा का अधिकार दिलाने में भागीदार सभी लोगों को ईमानदारी के साथ काम करना होगा. आंकड़ों एवं कागजों से बाहर निकलकर धरातल पर काम करें. बच्चों का भविष्य सुंदर बनाने के लिए सार्थक प्रयास होना चाहिए. बच्चों को अनुशासन एवं स्वच्छता की सीख भी दें. ताकि वह समाज की बेहतरी के लिए काम कर सकें. जिप उपाध्यक्ष आलोक कुमार सिंह ने कहा कि शिक्षा के प्रति जागरूकता जरूरी है. इसके लिए प्रत्येक स्तर पर सामूहिक प्रयास होना चाहिए. विषय प्रवेश अशोक रजक ने कराया. संचालन शिक्षक परशुराम तिवारी व धन्यवाद ज्ञापन डीएसइ रंधीर कुजूर ने किया. कार्यशाला में बीइइओ, बीपीओ, बीआरपी, सीआरसी व अभियान कर्मी शामिल थे. मौके पर क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी अमृता सिंह, एडीपीओ उदय सिंह, एपीओ जॉन मुथु, विकास दुबे, श्याम किशोर सिंह, रोहित, सुनील, रामसरेक पांडेय, आमोद सिन्हा, बीरेंद्र तिवारी, विजय शुक्ला, विनोद तिवारी आदि मौजूद थे.

21 दिन चलेगा अभियान, 1169 बच्चे स्कूल से जोड़े जायेंगे :

जिला शिक्षा पदाधिकारी दुर्गानंद झा ने कहा कि 18 वर्ष की उम्र के सभी बच्चों को माध्यमिक शिक्षा पूरी कराना हम सबों की जिम्मेवारी है. इसी उद्देश्य को लेकर सरकार ने स्कूल रूआर कार्यक्रम संचालित की है. यह अभियान विद्यालय स्तर पर 21 दिनों तक चलेगा. इस दौरान जिले के ड्राप आउट व अ-नामांकित 1169 बच्चों को विद्यालय से जोड़ा जायेगा और उन्हें प्राथमिकता के आधार पर बेहतर शिक्षा दी जायेगी.

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