युवक नदी में गड्ढे में दबा मिला, सिर्फ सिर था बाहर, चल रहा इलाज
युवक का आरोप, ससुराल के लोगों ने उसका हाथ-पैर व मुंह बांधकर नदी में गाड़ाससुराल वाले बोले, बेटी जाना नहीं चाहती थी, दामाद ने फंसाने के लिए रचा षड्यंत्र
मेदिनीनगर/तरहसी.
पलामू जिले के तरहसी थाना क्षेत्र के सोनपुरवा गांव के बासगुरु स्थल के पास अमानत नदी में गड्ढे में दबे एक युवक को पुलिस की मौजूदगी में जीवित बाहर निकाला गया. उसकी पहचान लेस्लीगंज थाना क्षेत्र के पिपरा गांव के पूरनचंद महतो (35 वर्ष) के रूप में की गयी है. उसके दोनों हाथ-पैर रस्सी से बंधे हुए थे. सिर्फ सिर गड्डे से बाहर था. गड्ढे से बाहर निकालने के बाद वह बेहोशी की हालत में कुछ बोल रहा था. जिसके बाद उसकी पहचान कर परिजनों को बुलाया गया. पुलिस ने उसे पांकी अस्पताल में भर्ती कराया. जानकारी के अनुसार, पूरनचंद महतो ने चार शादी की है. वह दूसरी पत्नी की हत्या का भी आरोपी है. उसने चौथी शादी करीब दो साल पूर्व तरहसी थाना के नवगढ़ गांव के प्रीत महतो की बेटी से की है. पूरनचंद 22 मई को पत्नी को लेने ससुराल नवगढ़ आया था, लेकिन पत्नी साथ जाने को तैयार नहीं थी. शनिवार की सुबह करीब छह बजे पांकी थाना क्षेत्र के पकरिया गांव के कुछ युवक नदी की तरफ शौच के लिए गये थे. उसी दौरान उन्हें किसी व्यक्ति के रोने व बचाने की गुहार सुनायी दी. जब युवक आवाज आ रही दिशा की तरफ गये, तो उन्होंने गड्ढे में गड़े उक्त युवक को देखा. तत्काल इसकी सूचना मुखिया को दी. मुखिया ने इसकी जानकारी पांकी व तरहसी थाना को दी. इसके बाद पुलिस, मुखिया व ग्रामीणों की उपस्थिति में युवक को बाहर निकाला गया.22 मई को दर्ज कराया था गुमशुदगी का मामला :
इस संबंध में तरहसी थाना प्रभारी नीरज कुमार ने बताया कि 22 मई को पूरनचंद के परिजन व उसके ससुराल वालों ने उसकी गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया था. ससुराल पक्ष के लोगों का कहना था कि पूरनचंद 22 मई को नवगढ़ आया था. वह पत्नी को ले जाने की बात कह रहा था, लेकिन उसकी पत्नी साथ जाने को तैयार नहीं थी. उसी दिन दोपहर में पूरनचंद शौच करने की बात कह कर घर से निकला, उसके बाद से उसका कुछ पता नहीं चला. प्रीत महतो ने पुलिस को बताया कि इस तरह की घटना के पीछे पूरनचंद की साजिश है. वह दूसरी पत्नी की हत्या के बाद अपने बचाव के लिए एक बोरा में बंद पाया गया था. वहीं, पूरनचंद ने पुलिस को बताया कि वह 22 मई को पत्नी को ले जाने ससुराल नवगढ़ आया था, लेकिन वह जाने को तैयार नहीं थी. इसके बाद ससुराल वालों ने उसका हाथ-पैर व मुंह बांध कर दो दिन घर में बंद रखा. शनिवार की अहले सुबह नदी के पास ले जाकर बालू में गाड़ दिया. अगर स्थानीय लोग नहीं आते, तो शायद उसकी जान नहीं बच पाती. पुलिस ने पूरनचंद को बेहतर इलाज के लिए एमएमसीएच में भर्ती कराया है. साथ ही पूरे मामले की छानबीन में जुट गयी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है