योजना बना कर की गयी थी अलीमुद्दीन अंसारी की हत्या, गौरक्षकों ने दो घंटे पीछा करने के बाद किया हमला

रांची : रामगढ़ जिले के चितरपुर बाजार में 10 दिन पहले (29 जून को) प्रतिबंधित गौमांस के व्यापारी अलीमुद्दीन अंसारी को भीड़ ने नहीं मारा था. सुनियोजित योजना के तहत उसकी हत्या की गयी थी. पुलिस की जांच में यह खुलासा हुआ है. झारखंड को हिला देनेवाली इस घटना के पीछे बजरंग दल और स्थानीय […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 8, 2017 11:57 AM

रांची : रामगढ़ जिले के चितरपुर बाजार में 10 दिन पहले (29 जून को) प्रतिबंधित गौमांस के व्यापारी अलीमुद्दीन अंसारी को भीड़ ने नहीं मारा था. सुनियोजित योजना के तहत उसकी हत्या की गयी थी. पुलिस की जांच में यह खुलासा हुआ है. झारखंड को हिला देनेवाली इस घटना के पीछे बजरंग दल और स्थानीय गौरक्षकों की संलिप्तता की बात सामने आयी है.

‘भीड़तंत्र’ के बेकाबू होने की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, यह स्पष्ट होता जा रहा है कि गौरक्षकों ने अलीमुद्दीन की हत्या की साजिश रची थी. इसके लिए 29 जून को 15 किलोमीटर तक अलीमुद्दीन का पीछा किया गया. अंसारी के मारुति वैन के मूवमेंट की पल-पल की जानकारी दो लोगों को दी गयी. सुबह 7.30 से 9.30 बजे के बीच उसकी कार किस-किस रास्ते से गुजरी, इसकी पूरी जानकारी गौरक्षक राज कुमार ने दीपक मिश्रा और और छोटू वर्मा को दी. यह पूरी जानकारी 10-12 अन्य लोगों को भी मिल रही थी.

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राज कुमार की सूचना के आधार पर ये सभी लोग बाजारटांड़ में एकत्र हुए. यहीं पर अलीमुद्दीन को घेर कर रोका. उसे मारुति वैन से निकाला और वैन में आग लगा दी. तब तक 100 से अधिक लोगों की वहां भीड़ जुट गयी. गौरक्षकों ने अंसारी की बेतरतीब पिटाई शुरू कर दी. एक बार अंसारी की पिटाई शुरू हुई, तो फिर भीड़ ने उसे पीट-पीट कर मार ही डाला.

राज कुमार ने खुद पूछताछ में पुलिस को यह जानकारी दी. उसने यह भी बताया कि दीपक और छोटू द्वारा सौंपी गयी जिम्मेवारी को अंजाम देने के बाद वह भी उस भीड़ का हिस्सा बन गया, जिसने अंसारी को मारा.

इस मामले में अब तक 11 लोग गिरफ्तार किये गये हैं. इसमें राज्य में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के जिला मीडिया प्रभारी भी शामिल हैं. स्थानीय गौरक्षा समिति से जुड़े दीपक मिश्रा और छोटू वर्मा को इस मामले में मुख्य अभियुक्त बनाया गया है.

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रामगढ़ के एसपी किशोर कौशल ने बताया कि राज कुमार रजरप्पा थाना क्षेत्र के चितरपुर का रहनेवाला है. दीपक ने उसे अलीमुद्दीन अंसारी के मारुति वैन का नंबर दिया और उसकी हर गतिविधि की जानकारी फोन पर देते रहने के लिए कहा. दीपक और छोटू के कॉल रिकॉर्ड्स की पड़ताल की गयी, तो पता चला कि राज कुमार लगातार इन दोनों के संपर्क में था. हाल ही में गौरक्षक बना राज कुमार अब जेल में है.

पूछताछ के दौरान दीपक मिश्रा ने कहा कि उसने अंसारी पर सिर्फ दो ही वार किये. इसके बाद वहां भीड़ जुट गयी और लोगों ने अलीमुद्दीन को पीटना शुरू कर दिया. एक स्थानीय पुलिस अधिकारी ने बताया कि भीड़ ने पुलिस की लाठी से अंसारी की पिटाई की, जिससे उसकी हालत गंभीर हो गयी.

पुलिस अधिकारी ने बताया कि जिन लोगों ने अंसारी पर हमला किया, उन्होंने उसे पहले भी कई बार पकड़ने की कोशिश की थी, लेकिन असफल रहे. पुलिस ने बताया कि गौरक्षकों ने अंसारी के खिलाफ कई बार शिकायत दर्ज करायी थी और उसके द्वारा किये जा रहे प्रतिबंधित मांस के कारोबार पर रोक लगाने की मांग की थी.

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ईद से पहले रामगढ़ थाना में हुई शांति समिति की बैठक में भी छोटू और दीपक ने यह मुद्दा उठाया था. उन्होंने कहा था कि खुलेआम प्रतिबंधित मांस का कारोबार हो रहा है और पुलिस इस पर रोक लगाने में नाकाम है. इन्होंने यह भी कहा था कि अंसारी खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. अंसारी के मारे जाने से कुछ दिन पहले इसी समूह की सूचना पर दो मवेशी तस्करों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. लेकिन, जिस दिन अंसारी को पकड़ा और पीटा गया, किसी ने पुलिस को इसकी सूचना नहीं दी.

पुलिस ने बताया कि अंसारी को भी मालूम था कि प्रतिबंधित मांस का व्यापार के कारण उसके खिलाफ थाना में शिकायतें दर्ज करायी गयी हैं. बावजूद इसके उसने अपना कारोबार जारी रखा. पुलिस ने कहा कि अलीमुद्दीन अंसारी के आपराधिक रिकॉर्ड हैं.

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