हाई कोर्ट के आदेश पर जमीन का सीमांकन हुआ

रामगढ़ : शनिचरा बाजार- हाट मामले में महताब आलम ने कहा है कि 12 जुलाई को उच्च न्यायालय ने बाजार की जमीन की मापी कर सीमांकन का निर्देश दिया था. कोर्ट ने निर्देश दिया कि पिटीशनर की मौजूदगी में जमीन का सीमांकन किया जाये. इसके बाद सीओ व एसडीओ की मौजूदगी में सीमांकन किया गया. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 27, 2017 12:54 PM
रामगढ़ : शनिचरा बाजार- हाट मामले में महताब आलम ने कहा है कि 12 जुलाई को उच्च न्यायालय ने बाजार की जमीन की मापी कर सीमांकन का निर्देश दिया था. कोर्ट ने निर्देश दिया कि पिटीशनर की मौजूदगी में जमीन का सीमांकन किया जाये. इसके बाद सीओ व एसडीओ की मौजूदगी में सीमांकन किया गया. उस दिन केवल सीमांकन किया गया. चहारदीवारी करने का कोई प्रयास नहीं किया गया.
इस मामले में न्यायालय के अगले आदेश का इंतजार किया जायेगा. महताब आलम ने कहा कि वर्ष 1987 में निचली अदालत से मुकदमा शुरू हुआ आैर सुप्रीम कोर्ट तक चला. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जमीन हमारी है.
निचली अदालत में केस नंबर 131/87 से केस शुरू हुआ था. उन्होंने कहा कि जब हमने कोर्ट में मामला दिया, तो तत्कालीन उपायुक्त अबू इमरान ने राजस्व रसीद काटने का आदेश दिया. महताब आलम ने कहा कि इस मामले में मुकदमा लगभग 30 वर्षों से चल रहा था. वर्ष 2014 में इस मामले में न्यायालय ने सरकार की अपील को भी खारिज कर दिया था.
वर्ष 2006 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर डुगडुगी बजार कर हमें दखलदिहानी दिलाया गया था. आज तक हमें कब्जा नहीं मिला. महताब आलम ने कहा कि मुआवजा के लिए की गयी सर्वे रिपोर्ट दिखा कर विरोध किया जा रहा है. लेकिन जमीन का अधिग्रहण हुआ कि नहीं अथवा मुआवजा किसे मिला, यह स्पष्ट नहीं किया जा रहा है. महताब आलम ने कहा कि जमीन हमारी है. हमें न्यायालय व कानून पर पूरा विश्वास है. कोई भी काम कोर्ट के आदेश के बाद ही होगा.

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