एकता को मजबूत करने की जरूरत

भुरकुंडा : विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर भुरकुंडा स्थित ऑफिसर्स क्लब में बुधवार को केंद्रीय मिलन सरहुल पूजा समिति के तत्वावधान में आदिवासी दिवस समारोह का आयोजन हुआ. अध्यक्षता जिला परिषद सदस्य दर्शन गंझू ने की. उदघाटन भुरकुंडा कोलियरी के पीओ जीसी साहा ने किया. भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 10, 2017 8:33 AM

भुरकुंडा : विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर भुरकुंडा स्थित ऑफिसर्स क्लब में बुधवार को केंद्रीय मिलन सरहुल पूजा समिति के तत्वावधान में आदिवासी दिवस समारोह का आयोजन हुआ. अध्यक्षता जिला परिषद सदस्य दर्शन गंझू ने की. उदघाटन भुरकुंडा कोलियरी के पीओ जीसी साहा ने किया. भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया.

अतिथि झारखंड बचाओ आंदोलन मंच की अध्यक्ष दीपा मिंज ने कहा कि सार्थक सोच और प्रयास से ही आदिवासी व मूलवासी का उत्थान हो सकता है. उदघाटनकर्ता पीओ जीसी साहा ने कहा कि आदिवासी समाज के अधिकारों का हनन होता रहा है. अधिकार व न्याय पाने के लिए एकजुटता जरूरी है. समारोह के अध्यक्ष दर्शन गंझू ने कहा कि अपने अधिकारों के प्रति सजह नहीं रहने वालों का नामोनिशान मिट जाता है. पूर्व पार्षद झरी मुंडा ने कहा कि सीएनटी एसपीटी एक्ट जैसे कानून के साथ छेड़छाड़ की जा रही है.

संचालन संतोष उरांव ने किया. मौके पर बिरसा उरांव, तारकेश्वर गौंड, हेमंत हेंब्रम, फादर जेवियर तिग्गा, पात्रिक मिंज, सिस्टर अनूपमा, राजकुमार गौंड, राजेश महली, उमेश मुंडा, मिथिलेश मांझी, संतोष मांझी, राजन करमाली, रावेल एक्का, जयनारायण बेदिया, मिस मैरी, ललिता लकड़ा, रितिका भोक्ता, फीना एक्का, विश्वनाथ करमाली, पीटर नाग, रवि उरांव, पिंटू नायक, दोमनिका लकड़ा, मेरी प्यारी लकड़ा, सुशील कुजूर, बीरे पन्ना, भुवनेश्वर भोगता, महावीर भोगता, हरिशचंद्र भोगता, नरेश गंझू, मुखलाल गंझू उपस्थित थे.

रामगढ़ : लायंस क्लब के सभागार में आदिवासी छात्र संघ, रामगढ़ जिला कमेटी के तत्वावधान में बुधवार को विश्व आदिवासी दिवस का आयोजन किया गया. अध्यक्षता रामगढ़ जिलाध्यक्ष सुनील मुंडा ने की. संचालन जगनारायण बेदिया व पंचदेव करमाली ने किया. मुख्य अतिथि केंद्रीय सचिव डॉ प्रदीप मुंडा, विशिष्ट अतिथि छोटेलाल करमाली, महेंद्र मुंडा, शंकर बेदिया, कृष्णा सोरेन मौजूद थे. मुख्य अतिथि डॉ प्रदीप मुंडा ने कहा कि आदिवासियों को मिल कर रहने की जरूरत है.

अपनी एकता को मजबूत करने की जरूरत है. शंकर बेदिया ने कहा कि अपने संवैधानिक अधिकारों को बचाने के लिए सड़क से सदन तक आवाज बुलंद करना होगा. सभा को महेंद्र मुंडा, रामा, गोविंद बेदिया, सुरेंद्र, कृष्णा सोरेन, तिवारी टोप्पो, देवनाथ महली, गुड्डू बेदिया ने भी संबोधित किया. माैके परपंचदेव करमाली, पवन, विजय, काशी बेदिया, प्रमोद मुंडा, भरत, शंकर, इंद्रजीत, दीपवन, करमचंद, महेश, रमेश गौड़, संदीप टोप्पो, दिनेश बेदिया, सतीश मुर्मू, श्रीवास्तव मुंडा, सुरेंद्र, दसई, सागर, सुमंत, वरतु, तरुण माैजूद थे.

Next Article

Exit mobile version