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विस्थापितों ने जन आक्रोश रैली में प्रबंधन के खिलाफ भरी हुंकार

उरीमारी, पोटंगा, गरसुल्ला व सयाल केके पंचायत से हजारों ग्रामीण जुटे जमीन हमारा और राज तुम्हारा नहीं चलेगा : दसई उरीमारी : रैयत विस्थापित व प्रभावित समन्वय समिति उरीमारी, पोटंगा, गरसुल्ला, आंगो व सयाल केके पंचायत के बेनर तले शुक्रवार को सयाल के महाप्रबंधक कार्यालय पर जनाक्रोश रैली व सभा का आयोजन किया गया. उरीमारी […]

उरीमारी, पोटंगा, गरसुल्ला व सयाल केके पंचायत से हजारों ग्रामीण जुटे
जमीन हमारा और राज तुम्हारा नहीं चलेगा : दसई
उरीमारी : रैयत विस्थापित व प्रभावित समन्वय समिति उरीमारी, पोटंगा, गरसुल्ला, आंगो व सयाल केके पंचायत के बेनर तले शुक्रवार को सयाल के महाप्रबंधक कार्यालय पर जनाक्रोश रैली व सभा का आयोजन किया गया.
उरीमारी के सिदो-कान्हू चौक से जुलूस निकाला गया. इसमें परंपरागत हथियारों से लैस होकर विस्थापित प्रभावित ग्रामीण मांगों के समर्थन में नारे लगाते हुए सयाल भानू कॉलोनी, आठ नंबर, हावड़ा पुल व पोड़ा गेट होते हुए जीएम कार्यालय पहुंचे. यहां प्रदर्शन के बाद सभा हुई. सभा की अध्यक्षता विस्थापित नेता दसई मांझी ने की.
संचालन युवा नेता संजय करमाली ने किया. दसई मांझी ने कहा कि सीसीएल प्रबंधन विस्थापित व प्रभावित ग्रामीणों को रोजगार देने में विफल रहा है. अब हमलोग एकजुट हो गये हैं. प्रबंधन को विस्थापित व प्रभावित ग्रामीणों को रोजगार व विकास से जोड़ना होगा.
बड़कागांव प्रमुख राजमुनी देवी ने कहा कि विस्थापितों की मांग जायज है. कौलेश्वर गंझू ने कहा कि हमारे पूर्वज अंगरेजों से लोहा ले चुके हैं. अब हमलोग सीसीएल प्रबंधन से लोहा लेने को तैयार हैं.
संजय करमाली ने कहा कि अब सीधी लड़ाई की जरूरत है. गहन टुडू ने कहा कि विस्थापित अब जाग चुके हैं. उनके हक-अधिकार को छीनने की कोशिश न करें. सोनाराम हेंब्रम ने कहा कि प्रबंधन को विस्थापित युवाओं के लिए रोजगार सुनिश्चित करना चाहिए. सभा को मोहन मांझी, झरी मुंडा, सूरज बेसरा, मोहन सोरेन, जीतन मुंडा, धर्मदेव करमाली, दिनेश करमाली, जयनारायण बेदिया, जितेंद्र बेदिया, मनोज मुंडा, राजाराम मुर्मू, सावित्री मुर्मू, प्रदीप हांसदा ने संबोधित किया.
मौके पर विनोद हेंब्रम, परमेश्वर सोरेन, गणेश गंझू, सुरेश मुर्मू, संतोष सिंह, बेनीलाल मांझी, कार्तिक मांझी, तुलसी उरांव, तुलसी करमाली, गिरधारी प्रजापति, सुखु मांझी, रैना टुडू, करमवीर सिंह, जितेंद्र यादव, रश्मि हस्सा, बभनी देवी, शीला सोरेन, करमी देवी, डॉलेन मिंज, शांति देवी, सरिता देवी, मैनो देवी, क्रांति किस्कू, लालमुनी देवी, गूंजा देवी, फूलमुनी देवी, डॉली देवी, सयाल केके मुखिया रीता कुमारी, सुकुरमुनी देवी, बड़की देवी, मंझली देवी, बिरसी देवी, पार्वती देवी, तालो हांसदा, सिकंदर सोरेन, सोलेन हांसदा, दीपक करमाली, विनोद सोरेन, एतवा गंझू, रवींद्र गंझू, मनीजर गंझू, पंकज हेंब्रम, पूरन टुडू, मुकद्दर सोरेन, मिस्त्रीलाल मांझी, जगेश्वर गंझू, संजय गंझू, महादेव हांसदा, रश्मि, राधा देवी, रमण गंझू, श्याम रंजन, विमल टुडू शामिल थे.
प्रबंधन को सौंपा गया मांग पत्र : प्रबंधन को मांग पत्र सौंपा गया. इसमें बिरसा, न्यू बिरसा और उरीमारी परियोजना में रैयत विस्थापित प्रभावित ग्रामीणों को रोजगार सुनिश्चित कराने के लिए लोकल सेल में प्रतिदिन सौ-सौ गाड़ियां लगाने, एफएसएस और फॉरवर्ड इ-ऑक्शन मोड का कोयला हाइवा डंपरों से नहीं भेज कर रोड सेल के माध्यम से भेजने, विस्थापित ग्रामीणों को विस्थापित प्रमाण पत्र निर्गत करने, सीसीएल के लाल योजना सहित सभी योजनाओं में विस्थापित प्रभावित परिवारों को प्राथमिकता देने, न्यू बिरसा के पारगढ़ा पुनर्वास स्थल पर कराये गये सभी तरह के कार्यों की उच्चस्तरीय जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करने, पोड़ा कोलियरी के विस्थापितों को आवंटित जर्जर आवासों की मरम्मत करने, सीएसआर की बैठक में विस्थापित व पंचायत प्रतिनिधि को प्रतिनिधित्व देने की मांगें शामिल हैं.

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