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आदिवासी प्रकृति के सच्चे उपासक : विधायक

कुजू : जंगलों में जिस प्रकार से पेड़ -पौधे धड़ल्ले से काटे जा रहे हैं, अगर इसे रोका नहीं गया तो आने वाले समय में मनुष्यों का जीवन खतरे में पड़ सकता है. उक्त बातें मांडू विधायक जयप्रकाश भाई पटेल ने कही. श्री पटेल सरना समिति सुगिया द्वारा आयोजित सरहुल महोत्सव में मंगलवार को मुख्य […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 21, 2018 4:03 AM
कुजू : जंगलों में जिस प्रकार से पेड़ -पौधे धड़ल्ले से काटे जा रहे हैं, अगर इसे रोका नहीं गया तो आने वाले समय में मनुष्यों का जीवन खतरे में पड़ सकता है.
उक्त बातें मांडू विधायक जयप्रकाश भाई पटेल ने कही. श्री पटेल सरना समिति सुगिया द्वारा आयोजित सरहुल महोत्सव में मंगलवार को मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे. आदिवासी प्राचीनकाल से प्रकृति के सच्चे उपासक रहे हैं. आज जंगलों में जो पेड़ दिख रहे हैं वह आदिवासियों की देन है.
पर्यावरण जैसी समस्या पर लोगों को जागरूक होने के साथ जंगलों के संरक्षण में अपनी सहभागिता निभानी चाहिए. विधायक श्री पटेल ने सरना स्थल पहुंच कर पूजा की. नागपुरी ऑरकेस्ट्रा का उद्घाटन किया. उद्घाटन के पश्चात विधायक का स्वागत किया गया. समारोह को विशिष्ट अतिथि झामुमो केंद्रीय सदस्य राजकुमार महतो, करमा सेल अध्यक्ष रामेश्वर महतो, रतवे मुखिया तूलेश्वर प्रसाद ने संबोधित किया. सरहुल महोत्सव के दौरान सरना स्थल में सखुआ पेड़ व सरना झंडा को स्थापित करने के साथ खिरोधर पाहन तथा सूरज पाहन ने पूजा कराते हुए मुर्गे की बलि दी. कार्यक्रम की अध्यक्षता करमा दक्षिणी पंसस प्रेमचंद मुंडा ने की.
संचालन विधायक प्रतिनिधि मोहरलाल महतो ने किया. समारोह में खागेश्वर महतो, राजनाथ महतो, पोखलाल मुंडा, पुनीत करमाली, दिलेश्वर टुडू, अर्जुन मुंडा, बीरबल मुंडा, प्रभु मुंडा, बाबूलाल महतो, सुखदेव राम मुंडा, जागेश्वर पाहन, शोभा महतो, भुनेश्वर महतो, गिरधारी महतो, घनश्याम महतो, नुनूचंद महतो, अनिल गुप्ता, लालजी महतो, सुदेश उरांव, देवेंद्र शर्मा, संजय मुंडा, प्रकाश मुंडा, सुनील मुंडा, विनय मुंडा, प्रदीप शर्मा, मोहित महतो, संजय कुमार, सुरेश मुंडा, प्रकाश पाहन, रवि मुंडा, अरविंद मुंडा, प्रकाश मुंडा, मेघनाथ, देवचरण, संदीप, उमेश, काशी, सुखदेव, राजेंद्र, प्रेमलाल, नरेश, दीपक, संतोष, कैलाश, दिनेश, कालीचरण, जैठू, गंगाराम, सोहन, गुमन, लालधारी, चंद्रदेव, बबलू, खेमन, अमरलाल, गिरधारी, बिरसा, किशुन, चुरामन, छोटेलाल, चरकु, छोटू मौजूद थे.

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