रांची : झारखंड के रामगढ़ जिले के मांडू प्रखंड के आरा कुंदरिया में चिंतामन मल्हार (40) की कथित भूख से मौत के मामले की उच्चस्तरीय जांच होगी. खाद्य,सार्वजनिक वितरण और उपभोक्ता मामलों के मंत्री सरयू राय नेशुक्रवारको इसके आदेश दिये. दरअसल, विलुप्त होरही बिरहोर जनजाति के इस शख्स की मौत को भूख से मौत बताया गया, लेकिन मृतक के बेटे विदेशी मल्हार ने कहा है कि उसके पिता की मौत भूख से नहीं हुई.
बिरहोर जनजाति के व्यक्ति की भूख से मौत की खबर मीडिया में आते ही पूरा प्रशासनिक महकमा सक्रिय हो गया. एडीशनल कलक्टर विजय कुमार गुप्ता, बीडीओ मनोज कुमार गुप्ता, सीओ ललन कुमार, अंचल निरीक्षक संजीव भारती, राजस्व कर्मचारी राजेंद्र कुमार मृतक के घर व कुजू ओपी पहुंचे. पूरे मामले की जानकारी ली. तत्काल मृतक के पुत्र को पांच हजार रुपये सहायता राशि दी.
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इस संबंध में मृतक के पुत्र विदेशी मल्हारने कुजू ओपी में लिखित आवेदन दिया है. उसने कहा है कि गत गुरुवार को दोपहर करीब तीन बजे उसके पिता मचान बना रहे थे. उस समय विदेशी की पत्नी रानी देवी भी मौजूद थी. मचान बनाने के क्रम में उसके पिता को चक्कर आया और वे जमीन पर गिर गये.उन्हें इलाज के लिए जीवन रेखा अस्पताल में भर्ती कराया गया.
चिकित्सकों ने बेहतर इलाज के लिए बाहर ले जाने की सलाह दी, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया. पिता को घर ले आया. वहां उनकीमृत्यु हो गयी. उसने लिखा है कि उसके पिता की मृत्यु के लिए कोई दोषी नहीं है. किसी पर शक भी नहीं है. बाद में वारुण नाला तट पर मृतक चिंतामन मल्हार के शव को दफनाया गया.
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स्थानीय विधायक ने शुक्रवार को खाद्य आपूर्ति मंत्री की समीक्षा बैठक में इस मुद्दे को उठाया. मंत्री ने स्पष्ट कहा कि यदि अधिकारियों की जांच पर भरोसा न हो, तो वह इसकी उच्चस्तरीय जांच करवा सकते हैं.