रजरप्पा में पानी के लिए मचा हाहाकार
रजरप्पा : देश के प्रसिद्ध तीर्थस्थल रजरप्पा स्थित मां छिन्नमस्तिके मंदिर परिसर में पेयजल की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गयी है. यहां प्रतिदिन पहुंचने वाले हजारों श्रद्धालुओं को पानी की समस्या से जूझना पड़ रहा है. भैरवी नदी के सूख जाने के बाद स्थिति और भयावह हो गयी है. नदी का पानी जहां – तहां […]
रजरप्पा : देश के प्रसिद्ध तीर्थस्थल रजरप्पा स्थित मां छिन्नमस्तिके मंदिर परिसर में पेयजल की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गयी है. यहां प्रतिदिन पहुंचने वाले हजारों श्रद्धालुओं को पानी की समस्या से जूझना पड़ रहा है. भैरवी नदी के सूख जाने के बाद स्थिति और भयावह हो गयी है. नदी का पानी जहां – तहां जमा हो गया है. जिससे यहां से दुर्गंध आ रही है. दूषित व जमा पानी में कीड़े भी लगने शुरू हो गये हैं. जिससे नदी किनारे बैठना भी लोगों के लिए मुश्किल हो रहा है.
जानकारी के अनुसार दामोदर-भैरवी संगम स्थल पर मां छिन्नमस्तिके देवी की मंदिर स्थापित है. भैरवी नदी पूरी तरह से सूख गयी है. पानी की जगह केवल कूड़ा कचरा ही नजर आ रहा है. क्योंकि भैरवी में जलस्तर घट चुका है और पत्थर ही पत्थर दिख रहा है. साथ ही यहां होटलों के दूषित पानी को भी बहा दिया जा रहा है. जिस कारण यहां श्रद्धालुओं को नहाना तो दूर हाथ, मुंह भी नहीं धो पा रहे है. पानी की समस्या के कारण श्रद्धालुओं व लोगों में रोष है. उधर दुकानदार भी पानी खरीद रहे है.
भैरवी नदी का पानी सूखने के बाद रजरप्पा मंदिर न्यास समिति द्वारा दामोदर नद के पानी को मशीन लगा कर पाइप के माध्यम से भैरवी नदी में गिराया जा रहा है. जिससे कुछ श्रद्धालुओं को राहत मिल रही है. इस पानी को दो – तीन जगह गिराया जा रहा है. जहां लोग जैसे-तैसे हाथ, मुंह धो पा रहे है. बताते चलें कि भैरवा जलाशय डैम से पानी नहीं छोड़े जाने के कारण भैरवी नदी सूख गयी है. इसके अलावा मंदिर प्रक्षेत्र के चापानल की स्थिति भी काफी खराब है. कुछ चापानल ठीक भी है, तो उसमें से लाल पानी निकलता है. जो पीने लायक नहीं है. 20 फीट के शिवलिंग के समीप लगे एक्वागार्ड भी खराब है.
एक ओर जहां नदी सूखने से नहाना, धोना दूभर हो गया है. वहीं दूसरी ओर पेयजल के लिए भी हाहाकार मचा हुआ है. लोग बोतल बंद पानी व कोल्डड्रिंक्स पीने को विवश हो रहे है. यहां के दुकानदार मनमानी तरीके से पैसा वसूल रहे है. दुकानदारों के द्वारा श्रद्धालुओं से कोल्डड्रिंक्स में प्रिंट रेट से पांच रुपया अधिक लिया जा रहा है. मजबूरी में श्रद्धालु अधिक रुपया देने को भी बाध्य हो रहे हैं.