10 माह से बिछड़े फिरोज को आधार ने घरवालों से मिलाया

एक माह में आधार से बिछड़ों को मिलाने की जिले की दूसरी घटना मधुबनी के फिरोज को डीसी ने घरवालों को साैंपा रामगढ़ : आधार बिछड़ों के लिए वरदान साबित हो रहा है. गुरुवार को समाहरणालय में उपायुक्त राजेश्वरी बी ने 10 माह से लापता मधुबनी के फिरोज को उसके घरवालों को सौंपते हुए कहा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 31, 2019 12:32 AM

एक माह में आधार से बिछड़ों को मिलाने की जिले की दूसरी घटना

मधुबनी के फिरोज को डीसी ने घरवालों को साैंपा
रामगढ़ : आधार बिछड़ों के लिए वरदान साबित हो रहा है. गुरुवार को समाहरणालय में उपायुक्त राजेश्वरी बी ने 10 माह से लापता मधुबनी के फिरोज को उसके घरवालों को सौंपते हुए कहा कि एक माह में आधार के कारण लापता के घरवालों से मिलने की यह रामगढ़ में दूसरी घटना है. आधार होने से ही आज फिरोज अपने घरवालों से मिल पाया है. उन्होंने कहा कि अपने बच्चों का आधार जरूर बनवाना चाहिए.
10 माह से लापता फिरोज को खोज रहे थे घरवाले
10 माह तक लापता बेटे को खोजने के लिए घरवाले शहरों में खोज रहे थे. लापता बेटे के इश्तेहार के माध्यम से इनाम तक देने की घोषणा की गयी थी. समय बीतने के साथ बेटे की वापसी की उम्मीद भी खत्म होती जा रही थी. अचानक किसी सरकारी ऑफिस से फोन आया कि आपका बेटा हमारे पास सुरक्षित है. यह बातें कहते हुए मधुबनी के साबीर नदाफ की आंखें छलक जाती हैं. उन्होंने कहा कि हमने तो उम्मीद ही छोड़ दी थी, लेकिन आधार कार्ड के कारण मेरा बेटा वापस मिल गया.14 साल का फिरोज नदाफ बोलने और सुनने में असमर्थ है. 13 जुलाई 2018 को उसके पिता साबीर नदाफ मधुबनी से उसे रांची के रिनपास में इलाज कराने के लिए आये थे.
इसी क्रम में वह रांची रेलवे स्टेशन से अपने परिजनों से बिछड़ गया. भटकते हुए फिरोज किसी तरह 19 जुलाई 2018 को रामगढ़ जिलाका गोला पहुंच गया. गोला थाना के पदाधिकारियों ने उसे बाल कल्याण समिति, रामगढ़ को सौंप दिया. वात्सल्यधाम बालगृह ही अब उसका नया ठिकाना बन चुका था. मूक और बधिर होने के कारण वह अपने घरवालों के बारे में कुछ बता भी नहीं सकता था. बालगृह में इस स्पेशल बच्चे का नाम समीर रखा गया. संरक्षण पदाधिकारी संस्थागत देखभाल दुखहरण महतो ने समीर के आधार कार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू करायी.
डीपीओ आधार आरती कुमारी ने बच्चे के आधार के लिए सिविल सर्जन से सत्यापित आयु एवं उम्र के प्रमाण को आधार डेटाबेस में डाला, तो पता चला कि उसका आधार पहले से बना है. इसके आधार से उसके पिता साबीर नदाफ की जानकारी प्राप्त की गयी. रामगढ़ डीसीपीओ ने मधुबनी डीसीपीओ से संपर्क किया. मधुबनी के डीसीपीओ आधार द्वारा फिरोज के परिजनों की पुष्टि करते हुए रामगढ़ यूआइडी के बच्चे को उसके घरवालों को सौंपने का आग्रह किया.

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