मांडू में 1930 से हो रही है मां दुर्गा की पूजा-अर्चना
मांडू : मांडू में शारदीय नवरात्र पूजा करीब 90 वर्षों से लगातार हो रही है. ग्रामीण व मंदिर के आचार्य बासुदेव पांडेय ने बताया कि गत 1930 के दशक से मांडू के ग्रामीणों ने एक ही स्थान पर जोड़ा तालाब स्थित पड़ाव दुर्गा मंदिर में मां दुर्गें की प्रतिमा स्थापित कर पूजा की शुरुआत की. […]
मांडू : मांडू में शारदीय नवरात्र पूजा करीब 90 वर्षों से लगातार हो रही है. ग्रामीण व मंदिर के आचार्य बासुदेव पांडेय ने बताया कि गत 1930 के दशक से मांडू के ग्रामीणों ने एक ही स्थान पर जोड़ा तालाब स्थित पड़ाव दुर्गा मंदिर में मां दुर्गें की प्रतिमा स्थापित कर पूजा की शुरुआत की. इसके बाद मांडू के लोगों ने लगातार कई वर्षों तक एक ही स्थान पर सामूहिक रूप से पूजा करते रहे.
एक ही पूजा पंडाल में ग्रामीणों की भीड़ होने के कारण वर्ष 1943 में मांडू चट्टी के स्व हरिचरण साव ने चट्टी चौक स्थित सार्वजनिक दुर्गा पूजा समिति का गठन कर व मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित कर पूजा शुरू की. इसके बाद वर्ष 1953 में शौंडिक समाज के लोगों ने मांडू बस्ती में मां दुर्गें की प्रतिमा स्थापित कर पूजा प्रारंभ की. बोंगाहारा में आचार्य के अनुसार, वर्ष 1985 से ग्रामीणों द्वारा मंदिर में मां की प्रतिमा स्थापित कर पूजा की जा रही है. अति प्राचीन शिव मंदिर (मनोकामना बाबा) मांडू में वर्ष 2019 से नवनिर्मित मां वैष्णो मंदिर में स्थापित माता की प्रतिमा की पूजा शुरू की गयी.