देवी-देवताओं की कई आकृति हैं लोगों ने पर्यटन स्थल बनाने की मांग की दुलमी.दुलमी प्रखंड के पोटमदगा व भालू गांव के सीमावर्ती में स्थित सुरंगा पहाड़ देवी – देवताओं की आकृति की याद दिलाता है. यहां विभिन्न देवी -देवताओं की आकृति है. यहां प्रतिदिन श्रद्धालु पूजा-अर्चना करते हंै और मन्नत मांगते हंै. सुरंगा पहाड़ में भगवान शिव का लिंग, नाग, गणेशजी का मस्तक, जामवंत का गुफा व चट्टान पर झरना आदि कई सुंदर आकृति है. बताया जाता है कि भगवान रामचंद्र, माता सीता और भगवान लक्ष्मण जब लंका से अयोध्या लौट रहे थे, तो इसी पहाड़ पर विश्राम किये थे. उन्हीं की याद में पोटमदगा, सीरु, भालू, प्रियातु आदि दर्जनों गांवों के लोग इस पहाड़ पर मकर संक्रांति के दिन मेला का आयोजन करते हैं. गांव के प्रकाश महली, गोपाल महतो, सुदन महतो, गौतम मुंडा, धनेश्वर महतो, गोपाल ओहदार, संजय महली, दशरथ महतो, लखन महतो आदि ने इस पहाड़ को पर्यटन स्थल बनाने में जुटे हुए हैं.
देवी देवताओं की याद दिलाता है सुरंगा पहाड़
देवी-देवताओं की कई आकृति हैं लोगों ने पर्यटन स्थल बनाने की मांग की दुलमी.दुलमी प्रखंड के पोटमदगा व भालू गांव के सीमावर्ती में स्थित सुरंगा पहाड़ देवी – देवताओं की आकृति की याद दिलाता है. यहां विभिन्न देवी -देवताओं की आकृति है. यहां प्रतिदिन श्रद्धालु पूजा-अर्चना करते हंै और मन्नत मांगते हंै. सुरंगा पहाड़ में […]
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