दीये के प्रचलन में कमी आने से निराश हैं कुम्हार

इस बार 60-70 रुपये में 100 दीये बेचे जायेंगे फोटो 15गिद्दी3-दीया बनाता कुम्हार गिद्दी(हजारीबाग).दीपावली 23 अक्तूबर और धनतेरस 21 को है. यह रोशनी का पर्व है. इस पर्व की तैयारी में लोग जुट गये हैं. कुछ दिनों से इस इलाके के कई कुम्हार दीये बना रहे हैं. इतना ही नहीं, लोग अपने-अपने घर व दुकानों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 15, 2014 11:49 AM

इस बार 60-70 रुपये में 100 दीये बेचे जायेंगे फोटो 15गिद्दी3-दीया बनाता कुम्हार गिद्दी(हजारीबाग).दीपावली 23 अक्तूबर और धनतेरस 21 को है. यह रोशनी का पर्व है. इस पर्व की तैयारी में लोग जुट गये हैं. कुछ दिनों से इस इलाके के कई कुम्हार दीये बना रहे हैं. इतना ही नहीं, लोग अपने-अपने घर व दुकानों की साफ -सफाई भी कर रहे हैं. कुछ दशक पूर्व अधिकांश लोग सिर्फ दीये का ही प्रयोग करते थे, लेकिन इसमें भी तब्दीली आयी है. मोमबत्ती, लाइट सहित रोशनी की हर तरह की व्यवस्था लोग दीपावली के दिन करते हैं. दीये की बिक्री पहले धड़ल्ले से होती थी. इस वजह से कुम्हार दीये बनाने की तैयारी पहले से करते थे. वाशरी कॉलोनी में विशेश्वर प्रजापति, सोमरा प्रजापति व कैलाश प्रजापति तीनों भाई हंै. इस बार तीनों भाई दीये बनाने के काम में जुटे हुए हैं. विशेश्वर प्रजापति का कहना है कि दीये बनाने में वक्त और मेहनत अधिक लगता है, लेकिन इसके अनुरूप पैसा नहीं मिलता है. महंगाई के इस दौर में अपने-अपने बाल बच्चों का पेट चलाना भी मुश्किल हो रहा है, लेकिन यह पुश्तैनी कार्य है. रोजगार के अभाव में इसे छोड़ भी नहीं पा रहे हंै. विशेश्वर प्रजापति का कहना है कि पहले दीये की मांग थी. उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष 40 रुपये में एक सौ दीये बेचे थे. इस बार 60-70 रुपये में एक सौ दिये बेचने की योजना बना रहे हैं. उन्होंने बताया कि इस कार्य में पैसा नहीं है. इस वजह से कोई पुश्तैनी कार्य करना नहीं चाहता है. दुनिया तेजी से चल रही है. पर हमलोग धीरे-धीरे चल रहे है. धनतेरस के लिए भी कई दुकानों में सामान सजने लगे हैं.

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