बॉडीगार्ड को पिस्टल निकालने का नहीं मिला मौका
रामगढ़.अपराधियों द्वारा गोली मारे जाने के बाद घटना स्थल पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों की मानें, तो अपराधी बेहद शातिर थे. उन लोगों ने किशोर की हत्या के लिए लंबे अरसे से रेकी कर रखी थी. हत्या की प्लानिंग में कई शार्प शूटरों को शामिल किया गया था. अगर एक ग्रुप असफल होता, तो दूसरा हमला […]
रामगढ़.अपराधियों द्वारा गोली मारे जाने के बाद घटना स्थल पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों की मानें, तो अपराधी बेहद शातिर थे. उन लोगों ने किशोर की हत्या के लिए लंबे अरसे से रेकी कर रखी थी. हत्या की प्लानिंग में कई शार्प शूटरों को शामिल किया गया था. अगर एक ग्रुप असफल होता, तो दूसरा हमला कर देता था. अपराधी स्थानीय रूट से भी बखूबी परिचित थे. उन्हें इस बात की भी जानकारी थी कि जिस वक्त किशोर पांडेय कदमा बाजार में पहुंचने वाला था, उसके पास कोई हथियार नहीं था. हथियार उसके बॉडीगार्ड बबलू सिंह के पास थे. बबलू सिंह उत्तर प्रदेश के गाजीपुर का रहने वाला था. घटना के दौरान शूटरों ने सबसे पहले बबलू को ही निशाना बनाया. सीधे उसके सीने में दो गोलियां दागी गयी थी. बाद में और दो गोली मार दी गयी. पुलिस ने बताया कि अपराधियों ने पूरे प्लान को इतने तेजी से अंजाम दिया कि बॉडीगार्ड बबलू सिंह को कमर में रखे पिस्टल को निकालने का मौका ही नहीं मिला. पुलिस को यह आशंका हुई कि कहीं यह सरकारी बॉडीगार्ड तो नहीं है.