विस्थापितों ने किया प्रदर्शन
22बीएचयू-12-प्रदर्शन करते लोग.रोड सेल व कांटा खोलने की मांगनहीं होने देंगे कोयले की ढुलाईउरीमारी. बरका-सयाल क्षेत्र के न्यू बिरसा आउटसोर्सिंग परियोजना में विस्थापित संचालन समिति ने बिना वार्ता किये कोयला ढुलाई के लिए अनुमति दिये जाने का विरोध बुधवार को किया. बताया गया कि कोयला ढुलाई के लिए प्रबंधन द्वारा बुधवार को नारियल फोड़ा जाना […]
22बीएचयू-12-प्रदर्शन करते लोग.रोड सेल व कांटा खोलने की मांगनहीं होने देंगे कोयले की ढुलाईउरीमारी. बरका-सयाल क्षेत्र के न्यू बिरसा आउटसोर्सिंग परियोजना में विस्थापित संचालन समिति ने बिना वार्ता किये कोयला ढुलाई के लिए अनुमति दिये जाने का विरोध बुधवार को किया. बताया गया कि कोयला ढुलाई के लिए प्रबंधन द्वारा बुधवार को नारियल फोड़ा जाना था. इसके लिए महाप्रबंधक आइसी मेहता, पीओ बीबी मिश्रा समेत कई लोग पहुंचे थे. इसकी भनक लगते ही विस्थापित ग्रामीण वहां पहुंच गये. कहा कि बिना विस्थापित समन्वय समिति से बात किये कोयले की ढुलाई कैसे शुरू किया जा रहा है. प्रबंधन द्वारा बताया गया कि फिलहाल उरीमारी के सौंदा स्थित बी साइडिंग में यहां के कोयला रैक के माध्यम से ले जाया जाना है. प्रतिमाह पांच हजार टन कोयला यहां से एचएससीएल आउटसोर्सिंग कंपनी कोयले की ढुलाई साइडिंग तक करेगी. इस कार्य में पेटी ट्रांस्पोर्टर ठेकेदारों की मदद एचएससीएल कंपनी द्वारा लिया जाना है. विस्थापितों का कहना है कि प्रबंधन पहले यहां कांटा घर खोलें. साथ ही रोड सेल के लिए डिपो बनाने का काम करें. साथ ही स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार देने का काम करें, तभी कोयले की ढुलाई होने दी जायेगी. मालूम हो कि पूर्व में प्रबंधन द्वारा परियोजना खोले जाने वक्त रोड सेल में उत्पादित कोयले का 20 प्रतिशत देने व बेरोजगारों को रोजगार देने का वादा किया था. खदान में कोयला ढुलाई के अलावा अन्य कार्य चल रहा है. विरोध करनेवालों में विश्वनाथ मांझी, मोहन सोरेन, सोनाराम हेंब्रम, संजय करमाली, अकल मुंडा, जीतन मुंडा, विनोद हेंब्रम, सूरज बेसरा, दिनेश टुडू, पंकज हेंब्रम, संतोष सिंह, महावीर मुर्मू, पप्पू मुंडा, सन्नी सोरेन, चंद्रदेव मुंडा, हंदू मुंडा शामिल थे.