स्थानीय नीति नहीं बनने से नौकरी में आरक्षण नहीं मिला

महात्मा गांधी इंटर महाविद्यालय में आओ हालात बदलें कार्यक्रम फोटो फाइल संख्या 17 कुजू बी : कार्यक्रम में उपस्थित शिक्षक व बच्चे चैनपुर.महात्मा गांधी इंटर महाविद्यालय, बड़गांव में सोमवार को प्रभात खबर द्वारा आओ हालात बदलें कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राचार्य, शिक्षक, छात्र-छात्राएं आदि शामिल हुए. कार्यक्रम में नावाडीह पंचायत […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 17, 2014 9:02 PM

महात्मा गांधी इंटर महाविद्यालय में आओ हालात बदलें कार्यक्रम फोटो फाइल संख्या 17 कुजू बी : कार्यक्रम में उपस्थित शिक्षक व बच्चे चैनपुर.महात्मा गांधी इंटर महाविद्यालय, बड़गांव में सोमवार को प्रभात खबर द्वारा आओ हालात बदलें कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राचार्य, शिक्षक, छात्र-छात्राएं आदि शामिल हुए. कार्यक्रम में नावाडीह पंचायत के पंसस अरविंद कुमार ने कहा कि प्रभात खबर का यह कार्यक्रम सराहनीय है. इससे मतदाताओं को प्रोत्साहन मिलता है. झारखंड के साथ ही छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड दो नये राज्य बने थे, लेकिन आज वे दोनों राज्य हमसे काफी आगे निकल गये हैं. ग्रामीण अशोक पांडेय ने कहा कि हमलोगों को शत -प्रतिशत मतदान करने का संकल्प लेना चाहिए. राम अवतार प्रसाद ने कहा कि झारखंड में अब तक खिचड़ी की सरकार बनती आयी है. इसके कारण झारखंड का विकास नहीं हुआ. अभी हमारे पास मौका है. झारखंड में स्थायी व बहुमत की सरकार बनाने के लिए इस बार मतदान करेंगे. महाविद्यालय के प्राचार्य राम प्रसाद महतो ने कहा कि प्रभात खबर मतदाताओं को मतदान करने के लिए जागरूक कर रहा है. स्थानीय नीति नहीं बनने के कारण यहां के लोगों को नौकरी में आरक्षण नहीं मिल पा रहा है. छात्रा रूबी कुमारी ने कहा कि हमारा जन प्रतिनिधि बेरोजगारों को रोजगार देनेवाला तथा देश एवं राज्य को उन्नति की ओर ले जाने वाला होना चाहिए. अंबालिका कुमारी ने कहा कि जनप्रतिनिधि को सड़कों की दुर्दशा पर भी ध्यान देना चाहिए. अभी आरा चार नंबर से बड़गांव तक सड़क की स्थिति काफी खराब है. छात्रा उषा कुमारी व वर्षा कुमारी ने कहा कि स्वास्थ्य, चिकित्सा, शिक्षा की ओर ध्यान देने वाले प्रत्याशी का ही अपना मत देना चाहिए. डॉली कुमारी ने कहा कि स्वच्छ पेयजल के लिए प्रतिनिधियों को ध्यान देना चाहिए. कार्यक्रम में फुलश्वर प्रसाद प्रजापति, सुरेंद्र प्रसाद, परमेश्वर राम आदि ने भी अपने विचार रखे.

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