प्रदूषण व खस्ताहाल सड़कें नहीं बनती है चुनावी मुद्दा
24बीएचयू-12-धूल उड़ाता कोयला ढोने वाला डंपर.जावेद खान उरीमारी.बड़कागांव विधानसभा क्षेत्र में प्रदूषण व खस्ताहाल गड्ढों वाली सड़कें कभी भी चुनावी मुद्दा नहीं बनी है. बरका-सयाल कोयलांचल हो, चाहे पतरातू. भुरकुंडा हो या बरकाकाना क्षेत्र. प्रदूषण की मार हर जगह लोग झेलने को बाध्य हो रहे हैं. बरका-सयाल में कोयला लदे डंपरों से उड़ने वाले धूल […]
24बीएचयू-12-धूल उड़ाता कोयला ढोने वाला डंपर.जावेद खान उरीमारी.बड़कागांव विधानसभा क्षेत्र में प्रदूषण व खस्ताहाल गड्ढों वाली सड़कें कभी भी चुनावी मुद्दा नहीं बनी है. बरका-सयाल कोयलांचल हो, चाहे पतरातू. भुरकुंडा हो या बरकाकाना क्षेत्र. प्रदूषण की मार हर जगह लोग झेलने को बाध्य हो रहे हैं. बरका-सयाल में कोयला लदे डंपरों से उड़ने वाले धूल से लोग परेशान हैं. वहीं, पतरातू व बरकाकाना क्षेत्र में चिमनियों से निकलने वाले धुएं के प्रदूषण से लोग बीमारी व अन्य तरह की परेशानियों से जूझ रहे हैं. कोयलांचल की सड़कों पर यदि सफेद कपड़ा पहन लिया, तो शामत आ जायेगी. सड़कों की बात करें, तो पूरे विधानसभा क्षेत्र में रामगढ़ से पतरातू रांची को जोड़ने वाली एक फोरलेन सड़क को छोड़ कर अन्य कोई भी ऐसी सड़क नहीं है, जिसमें गड्ढे न हो. मतकमा फोरलेन चौक से भुरकुंडा, सयाल व पतरातू को जोड़ने वाली सड़क हो, या बड़कागांव जाने के लिए डोकाटांड़ से प्रखंड मुख्यालय जाने वाली सड़क हो, सभी सड़कें खस्ताहाल हैं. गाड़ी की रफ्तार यहां बेहद धीमी रहती है. बड़कागांव मार्ग पर दर्जनों ठोकर अलग से वाहन चालकों को परेशानी में डालते हैं. कुल मिला कर बात करें, प्रदूषण व खस्ताहाल सड़कों के सवाल पर यहां के जन प्रतिनिधि या चुनाव में लड़ रहे उम्मीदवार गंभीरता से लोगों के बीच अपनी बात को नहीं रख रहे हैं.