अस्पताल में उचित व्यवस्था नहीं

भुरकुंडा : कोयलांचल व ग्रामीण क्षेत्रों में इन दिनों मौसमी बीमारियों का प्रकोप बढ़ गया है. कोयलांचल समेत गांवों में वायरल फीवर समेत मलेरिया व टायफाइड के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. अमूमन प्रत्येक घर में कोई न कोई बीमार पड़ा है. क्षेत्र के निजी डॉक्टरों व अस्पताल, क्लिनिकों में मरीजों की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:54 PM

भुरकुंडा : कोयलांचल व ग्रामीण क्षेत्रों में इन दिनों मौसमी बीमारियों का प्रकोप बढ़ गया है. कोयलांचल समेत गांवों में वायरल फीवर समेत मलेरिया व टायफाइड के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. अमूमन प्रत्येक घर में कोई न कोई बीमार पड़ा है.

क्षेत्र के निजी डॉक्टरों व अस्पताल, क्लिनिकों में मरीजों की लंबी कतार इस बात की गवाह है कि मौसमी बीमारियों से लोग किस कदर परेशान हैं. पतरातू प्रखंड के कई सुदूरवर्ती गांव आज भी चिकित्सा व्यवस्था से पूरी तरह अलग-थलग हैं.

इन गांवों के मरीजों को इलाज के लिए 15-20 किमी तक का सफर तय करना पड़ रहा है. यहां के ग्रामीणों का कहना है कि समीपी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में न तो डॉक्टर पहुंचते हैं, न दवाइयां मिलती हैं. ऐसे में हमें निजी चिकित्सकों का शरण लेना पड़ता है.

दवाइयों की मांग बढ़ी

भुरकुंडा कोयलांचल के दवा दुकानदारों ने बताया कि इन दिनों हर रोज दवा की मांग काफी बढ़ गयी है. पूर्व के अनुपात में यह लगभग दोगुनी है. सबसे ज्यादा मांग डायरिया, मलेरिया, टायफाइड, वायरल फीवर आदि से जुड़ी दवाइयों की हो रही हैं.

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