उरीमारी : सीसीएल अपने विभिन्न क्षेत्रों की कोलियरियों में स्थित कांटा घर (वजन घर) की गतिविधियों पर वैन (वाइड एरिया नेटवर्किग) के जरिये नजर रखेगा. इस योजना को अगस्त के अंतिम सप्ताह तक लागू किया जाना है.
इस योजना के तहत सभी कांटा घरों, एरिया ऑफिस, पीओ ऑफिस, सीसीएल मुख्यालय रांची में इंटरनेट से जुड़ा नया कंप्यूटर सेट लगाया जायेगा. इसमें वैन का सॉफ्टवेयर (कार्ड) इंस्टॉल किया जायेगा.
इस तकनीक से परियोजना स्थित कांटा घरों में लोड व खाली ट्रकों के वजन की जानकारी तत्काल परियोजना, एरिया व मुख्यालय में बैठे अधिकारियों को मिलती रहेगी. इस सिस्टम के लागू हो जाने के बाद कांटा घरों के कार्य क्षमता में वृद्धि व पारदर्शिता आयेगी. विभिन्न क्षेत्रों में हेराफेरी की संभावना भी खत्म हो जायेगी.
कई नये कांटा घर बनाये जा रहे हैं: सीसीएल बरका–सयाल क्षेत्र में इस योजना को लागू करने के लिए कई नये कांटा घरों का निर्माण किया जा रहा है. इसके तहत उरीमारी में एक, पोड़ा गेट में एक कांटा घर का निर्माण किया जा चुका है. जबकि उरीमारी स्थित अन्य दो कांटा घरों को भी इस योजना से जोड़ा जायेगा.
भुरकुंडा में भी यह योजना लागू की जायेगी. इधर, प्रबंधन द्वारा उरीमारी परियोजना के सौंदा स्थित बी रेलवे साइडिंग में सौ टन क्षमता का एक इनमोशन ब्रेवरी बैठाया जा चुका है. अब रेलवे से जानेवाले कोयले का वजन सौंदा बी साइडिंग में ही किया जायेगा. पहले इसका वजन पतरातू में होता था.
इससे सीसीएल को संतुष्टि नहीं थी. रेलवे का एक और कांटा घर उरीमारी टिपला रेलवे साइडिंग में बैठाये जाने की योजना है. इसी तरह कोलियरियों में कोयला चोरी पर रोक लगाने के लिए सीसीटीवी कैमरा लगाया जायेगा.