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2…रजरप्पा में हड़ताल का आंशिक असर

फोटो फाइल : 6 चितरपुर ईसंयुक्त मोर्चा के सदस्य रजरप्पा. राष्ट्रव्यापी पांच दिवसीय हड़ताल का पहला दिन रजरप्पा प्रोजेक्ट में आंशिक असर रहा. प्रतिदिन की तरह यहां खदान में कोयला उत्पादन जारी रहा. जबकि संयुक्त मोरचा के नेताओं ने खदान क्षेत्र, वेश वर्क शॉप एवं वाशरी का दौरा कर हड़ताल को सफल बनाने में जुटे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 6, 2015 8:02 PM

फोटो फाइल : 6 चितरपुर ईसंयुक्त मोर्चा के सदस्य रजरप्पा. राष्ट्रव्यापी पांच दिवसीय हड़ताल का पहला दिन रजरप्पा प्रोजेक्ट में आंशिक असर रहा. प्रतिदिन की तरह यहां खदान में कोयला उत्पादन जारी रहा. जबकि संयुक्त मोरचा के नेताओं ने खदान क्षेत्र, वेश वर्क शॉप एवं वाशरी का दौरा कर हड़ताल को सफल बनाने में जुटे रहे. इस बीच नेताओं के साथ कामगारों का कई बार झड़प भी हुआ. खदान क्षेत्र में नेताओं द्वारा कामगारों को हाजिरी बनाने से रोका गया. इस बाबत ट्रेड यूनियन के हरीश ठाकुर ने कहा कि यह हड़ताल मजदूर हित में था. कोल इंडिया का अस्तित्व खतरे में है. अगर इसका निजीकरण होगा, तो हजारों मजदूरों का भविष्य अंधकारमय हो जायेगा. बावजूद मजदूरों द्वारा हड़ताल में नहीं जाना काफी दुखद है. जबकि कोल इंडिया के अन्य इकाईयों में हड़ताल सफल रही. उधर संयुक्त मोरचा का कहना था कि रजरप्पा में हड़ताल के कारण डिस्पैच कार्य पूरी तरह ठप रहा और लगभग 25 फीसदी कामगार काम पर नहीं गये. जबकि प्रबंधन का कहना है कि हड़ताल विफल रहा. मौके पर मोरचा के किशोरी प्रसाद, के नायक, आर पी सिंह, जगन रविदास, अरुण चौधरी, करमा मांझी, रमेश विश्वकर्मा, प्रदीप पटवा, बी एल गोसाई, आर के राय, सुखसागर सिंह, विनोद कुमार, शेखर कुमार, अमरनाथ वर्मा, आर के उपाध्याय, रंजीत रब्बानी, चंदेश्वर सिंह, जाकिर हुसैन, जगरनाथ भगत, एन एल दास, चंदेश्वर सिंह, सुरेश तुरी सहित कई शामिल थे.

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