भुरकुंडा में हड़ताल का मिला जुला असर

भुरकुंडा : पांच दिवसीय हड़ताल के दूसरे दिन बुधवार को भुरकुंडा कोलियरी में इसका मिला जुला असर देखा गया. कोयले का उत्पादन तो हुआ, लेकिन कोयले का डिस्पैच शून्य रहा. कोलियरी के ओपेन कास्ट में छह जनवरी को तीनों पाली मिला कर 280 ट्रिप ओबी का उत्पादन किया गया था. जबकि सात जनवरी को प्रथम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 8, 2015 1:33 AM
भुरकुंडा : पांच दिवसीय हड़ताल के दूसरे दिन बुधवार को भुरकुंडा कोलियरी में इसका मिला जुला असर देखा गया. कोयले का उत्पादन तो हुआ, लेकिन कोयले का डिस्पैच शून्य रहा.
कोलियरी के ओपेन कास्ट में छह जनवरी को तीनों पाली मिला कर 280 ट्रिप ओबी का उत्पादन किया गया था. जबकि सात जनवरी को प्रथम पाली में 106 ट्रिप ओबी का उत्पादन किया गया. ओपेन कास्ट में 85 प्रतिशत मजदूरों ने हाजिरी बना कर काम किया. भूमिगत खदानों माइन बी में दूसरे दिन प्रथम पाली में 387 मजदूरों में से 309 व द्वितीय पाली में 134 मजदूर ने हाजिरी बनायी. जबकि प्रथम पाली में माइन बी में 71 टन कोयले का उत्पादन किया गया.
दूसरी ओर, पांचों ट्रेड यूनियन के नेताओं ने दूसरे दिन कोयलांचल के विभिन्न परियोजनाओं में जाकर बंदी को सफल बनाने की कोशिश की. नेताओं ने कहा कि हड़ताल शत प्रतिशत सफल है.
इसका सबूत है कि एक छटांक कोयला भी बाहर नहीं जा सका. हड़ताल को सफल बनाने में उदय कुमार सिंह, लखेंद्र राय, नरेश मंडल, सूर्यदेव सिंह, देवेंद्र सिंह, मिंटू यादव, विनोद पासवान, सुभाष यादव, राम टहल पासवान, अरविंद कुमार, अशोक राम, सदानंद सिंह, सतीश सिंह, महादेव मांझी, एपी सिंह, शंभु सिंह, ललित कुमार, जितेंद्र कुमार, अशोक गुप्ता, निजामुद्दीन, मुकेश सोनी, रामाकांत दुबे, संजय यादव, पीडी सिंह, भीम सिंह, रामाशंकर शाही, शिव शंकर सिंह, अनिरूद्ध सिंह आदि सक्रिय रहे.
कुजू. कोल इंडिया के निजीकरण करने के अध्यादेश को वापस करने की मांग को लेकर मजदूर संगठनों द्वारा किये गये पांच दिवसीय हड़ताल के दूसरे दिन कुजू तथा इसके आस पास के क्षेत्रों में शांति पूर्ण देखने को मिला. सीसीएल कुजू क्षेत्र के तोपा, पिंडरा, कुजू कोलियरी, करमा आदि परियोजनाओं का कार्य ठप रहा.

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