गोदावरी मानसाता की तृतीय पुण्यतिथि मनी

मां तेरे हाथों की बनी रोटियों का स्वाद…. रामगढ़. साहित्य मंच के तत्वावधान मंे मंच के मुख्यालय में गोदावरी देवी मानसाता की तृतीय पुण्यतिथि शनिवार को मनायी गयी. मौके पर जिला भर के साहित्यकार, कवि व साहित्य प्रेमी मौजूद थे. कार्यक्रम के प्रारंभ में गोदावरी देवी मानसाता के चित्र पर लोगों द्वारा पुष्प अर्पित किया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 10, 2015 9:02 PM

मां तेरे हाथों की बनी रोटियों का स्वाद…. रामगढ़. साहित्य मंच के तत्वावधान मंे मंच के मुख्यालय में गोदावरी देवी मानसाता की तृतीय पुण्यतिथि शनिवार को मनायी गयी. मौके पर जिला भर के साहित्यकार, कवि व साहित्य प्रेमी मौजूद थे. कार्यक्रम के प्रारंभ में गोदावरी देवी मानसाता के चित्र पर लोगों द्वारा पुष्प अर्पित किया गया. इसके बाद कवि सम्मेलन का आयोजन किया. कवि चंद्रदीप ठाकुर देशदीप ने कहा कि दुनिया विष की बेल और मां पुरवाई है, कवि सरोज कांत झा ने कहा कि मैं कैसे भूल गया, मां तेरे हाथों की बनी रोटियों का स्वाद, राज रामगढ़ी ने कहा कि बारिश, तपिश और बूंद में उखड़े न मेरे पांव-अदना से एक पौधे को सजर कर गई है मां, शालू श्रीवास्तव ने कहा कि जला के रख दिया है हमने दीया हवाओं में-पर मुझे यकीन है मां की दुआओं पर. इनके अलावा आशीष ठक्कर, आदित्य नारायण त्रिपाठी, सीताराम प्रसाद, शकर लाल अग्रवाल, राकेश श्रीवास्तव नाजुक आदि ने भी कविता पाठ किया. मौके पर रामलखन यादव, राजेश कुमार मिश्र, कैप्टन केएन सिंह, विनय कुमार सिंह, गुरनाम सिंह, विप्पल सिंह, रीता मानसाता, भैरवी मानसाता, विदुषी, ज्योति, वैष्णवी समेत अनेक लोग मौजूद थे.

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