सफलता में 80 प्रतिशत योगदान इ क्यू का :डॉ संजय

28बीएचयू-4-प्राचार्य डॉ संजय कुमार सिन्हा.भुरकुंडा. परीक्षाओं के बाद कई विद्यार्थियों की आत्महत्या की खबरें सामने आती है. परीक्षा जीने मरने का प्रश्न बन जाता है. यह चिंता की बात है. ऐसी घटनाओं के कारणों के संदर्भ में विशेषज्ञ सह श्री अग्रसेन स्कूल के प्राचार्य डॉ संजय कुमार सिन्हा ने कई सुझाव दिये हैं. सीबीएसइ 12 […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 28, 2015 7:05 PM

28बीएचयू-4-प्राचार्य डॉ संजय कुमार सिन्हा.भुरकुंडा. परीक्षाओं के बाद कई विद्यार्थियों की आत्महत्या की खबरें सामने आती है. परीक्षा जीने मरने का प्रश्न बन जाता है. यह चिंता की बात है. ऐसी घटनाओं के कारणों के संदर्भ में विशेषज्ञ सह श्री अग्रसेन स्कूल के प्राचार्य डॉ संजय कुमार सिन्हा ने कई सुझाव दिये हैं. सीबीएसइ 12 वीं का रिजल्ट निकलने के बाद सरस्वती शिशु विद्या मंदिर सिरका की छात्रा संध्या ने आत्महत्या कर ली. वह पाठ्यक्रम के मार्क्सवाद की शिकार बन गयी. इ क्यू पर हम सभी की तैयारी नहीं के बराबर है. उन्होंने केकोरेफियो फोबिया (परीक्षा का भय) की जानकारी दी. बताया कि मस्तिष्क के बायें भाग से आपका आइ क्यू (बौद्धिक क्षमता) को खुराक मिलता है. जबकि दाहिने भाग, जिसे हृदय कहते हैं, उससे इ क्यू (इमोशनल कोजेंट) को आहार मिलता है. हमारी सफलता में 20 प्रतिशत आइ क्यू व 80 प्रतिशत इ क्यू का योगदान होता है. विद्यार्थी, अभिभावक, शिक्षक, वर्तमान पाठ्यक्रम के साथ-साथ सभी विद्यालय 20 प्रतिशत के पीछे लगे रहते हैं. इ क्यू पर हम सभी की तैयारी नहीं के बराबर है. बच्चों से बात करें, मजाक न उड़ायें : प्राचार्य ने बच्चों के बाबत कहा कि बच्चे यदि निराशा के दौर में हैं, तो तुरंत शिक्षक अथवा अपने करीबी से संपर्क करें. पॉजिटिव सोचें. रिलैक्स करने के लिए खेलकूद अथवा शारीरिक सक्रियता भरे कार्य में जुटे जायें. आवश्यकता पड़ने पर काउंसलर के पास जायें. अभिभावकों के संदर्भ में कहा कि अभिभावक कभी भी बच्चों का मजाक न उड़ायें. अपना तनाव बच्चों पर नहीं डालें. छोटी-छोटी सफलता पर भी बच्चों की प्रशंसा करें. निर्णय लेने में बच्चों को भी शामिल करें. अपने बच्चों की तुलना अन्य से नहीं करें.

Next Article

Exit mobile version