1930 से मांडू में हो रही है दुर्गापूजा
1930 से मांडू में हो रही है दुर्गापूजा फोटो फाइल संख्या 18 कुजू बी: मांडू बस्ती पूजा पंडाल, 18 कुजू सी: पडाव मंदिर में पूजा पंडाल, 18 कुजू डी: मांडू चटी मंदिर में पूजा पंडाल मांडू.मांडू में दुर्गापूजा करीब 85 वर्षों से हो रही है. मंदिर के आचार्य वासुदेव पांडेय व निरंजन पांडेय ने बताया […]
1930 से मांडू में हो रही है दुर्गापूजा फोटो फाइल संख्या 18 कुजू बी: मांडू बस्ती पूजा पंडाल, 18 कुजू सी: पडाव मंदिर में पूजा पंडाल, 18 कुजू डी: मांडू चटी मंदिर में पूजा पंडाल मांडू.मांडू में दुर्गापूजा करीब 85 वर्षों से हो रही है. मंदिर के आचार्य वासुदेव पांडेय व निरंजन पांडेय ने बताया कि 1930 के दशक से मांडू के ग्रामीणों ने एक ही स्थान पर जोड़ा तालाब स्थित पड़ाव श्री दुर्गा मंदिर में मां दुर्गे की प्रतिमा स्थापित कर पूजा की शुरुआत की. इसके बाद मांडू के ग्रामीणों ने लगातार 12 वर्षो तक एक ही स्थान पर मां दुर्गे की प्रतिमा स्थापित कर पूजा -अर्चना की. बाद में पूजा पंडाल में अधिक भीड़ होने के कारण वर्ष 1943 में स्व हरिचरण साव ने मांडूचटी स्थित सार्वजनिक दुर्गापूजा समिति ने मां की प्रतिमा स्थापित कर पूजा अर्चना शुरू की. वर्ष 1953 में शौंडिक समाज के लोगों ने मांडू बस्ती में मां दुर्गे की प्रतिमा स्थापित कर पूजा शुरू. बोंगाहारा में आचार्य के अनुसार, गत वर्ष 1985 से ग्रामीणों द्वारा मंदिर में मां की प्रतिमा स्थापित कर पूजा अर्चना की जा रही है.