यादों में … पैदल प्रचार करते थे सूरजनाथ

यादों में … पैदल प्रचार करते थे सूरजनाथ पंचायत के फैसले को भी न्यायालय मान्यता देता थाचुनाव में पांच हजार राशि खर्च हुई थी 750 वोट से जीता था चुनाव फोटो फाइल : 1 चितरपुर ए सूरजनाथ महतो गोला.गोला प्रखंड क्षेत्र की पूरबडीह पंचायत के पूर्व सरपंच सूरजनाथ महतो ने (75 वर्ष) 1972 में पंचायत […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 1, 2015 8:37 PM

यादों में … पैदल प्रचार करते थे सूरजनाथ पंचायत के फैसले को भी न्यायालय मान्यता देता थाचुनाव में पांच हजार राशि खर्च हुई थी 750 वोट से जीता था चुनाव फोटो फाइल : 1 चितरपुर ए सूरजनाथ महतो गोला.गोला प्रखंड क्षेत्र की पूरबडीह पंचायत के पूर्व सरपंच सूरजनाथ महतो ने (75 वर्ष) 1972 में पंचायत चुनाव लड़ा था. सूरजनाथ कहते हैं कि उस समय पैदल प्रचार करके ही जीत हासिल की थी. उन्होंने बताया कि उस समय कोई तामझाम नहीं हुआ करता था. लोग नि: स्वार्थ भाव से जुड़ कर पैदल चल कर लोगों से वोट मांगा करते थे. उन्होंने अभिराम करमाली को 750 वोट से पराजित किया था. उन्होंने बताया कि चुनाव में मात्र पांच हजार रुपये खर्च हुए थे. सरपंच चुने जाने के बाद उन्होंने कई संवेदनशील मामलों का निबटारा किया. पंचायत के फैसले को भी न्यायालय मान्यता देता था. पंचायत स्तर पर हत्या के मामले को भी सुलझाया जाता था. मामला थाना तक नहीं पहुंचता था. महज पांच रुपये में भूमि की दाखिल खारिज की जाती थी. उस समय पंचायत स्तर पर सदस्य होते थे. सभी सदस्यों की एक अलग शक्तियां होती थीं. पूर्व की ही पंचायती राज व्यवस्था केरल, आंध्र प्रदेश, राजस्थान सहित कई राज्यों में पंचायत व्यवस्था अपना रखी है. झारखंड में इसकी विपरीत व्यवस्था है.

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