पोटंगा के मुखिया का फैसला पसरिया व जरजरा पर

पोटंगा के मुखिया का फैसला पसरिया व जरजरा पर उरीमारी. खनिज संपदा से परिपूर्ण पोटंगा पंचायत के मुखिया का फैसला पसरिया व जरजरा के मतदाताओं के हाथों में रहा है. इन दोनों गांवों में जो भी प्रत्याशी आधा से अधिक वोट लायेगा, उसके माथे पोटंगा के मुखिया का ताज होगा. बताना उचित होगा कि पसरिया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 6, 2015 8:42 PM

पोटंगा के मुखिया का फैसला पसरिया व जरजरा पर उरीमारी. खनिज संपदा से परिपूर्ण पोटंगा पंचायत के मुखिया का फैसला पसरिया व जरजरा के मतदाताओं के हाथों में रहा है. इन दोनों गांवों में जो भी प्रत्याशी आधा से अधिक वोट लायेगा, उसके माथे पोटंगा के मुखिया का ताज होगा. बताना उचित होगा कि पसरिया व जरजरा से इस बार कोई भी व्यक्ति मुखिया पद के लिए चुनाव नहीं लड़ रहा था. इस कारण इस पंचायत से चुनाव लड़ रहे मुखिया पद के प्रत्याशी व उनके समर्थकों का सारा ध्यान पसरिया व जरजरा के मतदाताओं का अपने-अपने पक्ष में गोलबंद करने में ही बीता. जानकारी मिल रही है कि छह में से तीन मुखिया प्रत्याशी खुद को रेस में मान रहे हैं. अकेले पसिरया के दो बूथों पर 294 व दूसरे पर 261 वोट पड़े हैं. जबकि जरजरा के वार्ड संख्या दो व चार को मिला कर 434 वोट डाले गये हैं. 11 नंबर वार्ड में 132 वोट पड़े हैं. पूरे पंचायत में 3576 वोट पड़े हैं. यहां चुनाव लड़ रहे छह में से तीन प्रत्याशी अपने आप को आगे बता रहे हैं. एक प्रत्याशी 12 सौ से ऊपर का आंकड़ा अपने पक्ष में बता रहा. जबकि दूसरा व तीसरा प्रत्याशी भी इससे कम पर मानने को तैयार नहीं है. चौथा, पांचवां व छठा प्रत्याशी भी तीन सौ से अधिक मत पाने का दावा कर रहे हैं. कहा जाये तो पोटंगा के मुखिया बनने की राह में जरजरा व पसरिया के मतदाता ही टर्निंग प्वाइंट साबित होंगे. यहां यह भी बताना उचित होगा कि पोटंगा पंचायत कोयला के भंडार से परिपूर्ण है. इस पंचायत क्षेत्र में बरका-सयाल कोयलांचल का 60 फीसदी से कोल रिजर्व है. उरीमारी परियोजना, न्यू बिरसा परियोजना, प्रस्तावित असवा ओसीपी परियोजना इसी पंचायत में आती है.

Next Article

Exit mobile version