…काउंटिंग का टेंशन है, कम होने का नाम नहीं

…काउंटिंग का टेंशन है, कम होने का नाम नहींकुजू/ चैनपुर. आज फलां साहब के घर काफी चहल- पहल दिख रही थी. घर में आने- जाने वालों की लाइन लगी हुई थी. फलां साहब की कोठी गांव के किनारे में स्थित है. आम दिनों में यहां वैसी चहल- पहल नहीं रहती. ऐसे में चहल- पहल देख […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 11, 2015 6:58 PM

…काउंटिंग का टेंशन है, कम होने का नाम नहींकुजू/ चैनपुर. आज फलां साहब के घर काफी चहल- पहल दिख रही थी. घर में आने- जाने वालों की लाइन लगी हुई थी. फलां साहब की कोठी गांव के किनारे में स्थित है. आम दिनों में यहां वैसी चहल- पहल नहीं रहती. ऐसे में चहल- पहल देख कर रास्ते में जा रहा एक व्यक्ति घर के अंदर जा रहे व्यक्ति को टोका- का ककरो शादी वगैरह है का जो इतना भीड़ -भाड़ दिख रहा है. उस व्यक्ति ने तपाक से जबाव दिया, जानते नहीं हो का, फलां साहब ने पंचायत इलेक्शन लड़ा है. दु दिन बाद कांउटिंग है. सब उसी की तैयारी में लगे हैं. जबाव सुन कर उस व्यक्ति के माथे पर दिखे प्रश्न चिह्न को भांपते हुए फिर उसने समझाया. अरे फलां साहब को किसी बात की कमी नहीं है. सब-कुछ तो है, उनके पास. बस एक बार चुनाव में अपनी किस्मत आजमाना चाहते थे. इसलिए ताल ठोंक कर उतर गये चुनावी मैदान में. वोट तो ठीक- ठाक बीत गया. अब काउंटिंग की तैयारी हो रही है. उधर घर के अंदर में फलां साहब कुर्सी पर बैठे- बैठे बड़बड़ा रहे हैं. पता नहीं का होगा….वोटवा के दिन तो सब हमको देख के सलाम ठोंक रहे थे. और कह रहे थे आपहीं को वोट दे दिये हैं. इतने में बगल में बैठे चिलनवा टभका- चिंता काहे करते हैं साहेब. जीत आपहीं के होगा. देखते नहीं है सब आप ही के अनुसार चल रहा है. नोमिनेशनवा कराने से लेकर परचार कराने तक सब पांडेय जी से देखा सुना के किये हैं. ग्रह दशा को पांडेय जी ने शांत करा दिया है. तो फिर चिंता की का बात है. फलां साहेब ने कहा, बात ग्रह- दशा की नहीं है. इ कागज पर वोटवा तो जनता मारता है, ग्रह- दशा थोड़े ही न मार देता है. चिलनवा ने साहेब को समझाने के अंदाज में कहा हां तो जनता ने ही आपे ही के चिन्हवा में मोहर मारा होगा. जनता के हम कौनो कमी होने दिवे है का जो हमरा उ वोट नहीं देगा. भर चुनाव इंतजाम किये रहे. और परचार में कौनो कमी होने नहीं दिये. दु दु गो गाड़ी दिन भर चौंगा लगा के आपही के नाम रटते दौड़ता रहा. अखबरवा में भी बड़का- बड़का फोटो छपवाये रहे. आश्वासन तो जनता को इतना दिये हैं कि हमहुं भूल गये कि का- का आश्वासन दिये हैं. रोड बनावे से लेकर इंदिरा आवास बनावे तक. वृद्धा पेंशन, विधवा पेंशन, विकलांग पेंशन, हरा कार्ड, लाल कार्ड सब तो बनावे का बात कर ही दिये हैं. अब जनता को और का चाहिए. चिलनवा के बात से फलां साहेब की चिंता थोडी कम हुई. पर कांउटिंग का टेंशन है कि कम होने का नाम ही न ले रहा है. इतनी बैचेनी तो परीक्षा के रिजल्ट के दिन भी नहीं थी.

Next Article

Exit mobile version