…पड़ोसियों के रहम-ओ- करम पर जिंदा है अंधी वृद्ध महिला

…पड़ोसियों के रहम-अो- करम पर जिंदा है अंधी वृद्ध महिला फोटो – 11 घाटो -3 खटिया पर पड़ी अंधी वृद्धा मनुआ देवी रवींद्र कुमार, घाटोटांड़. मांडू प्रखंड अंतर्गत इचाकडीह पंचायत के गायत्री नगर मजदूर कॉलोनी में रहने वाली दोनों आंख से अंधी 65 वर्षीया वृद्ध महिला मनुआ देवी पिछले चार साल से पड़ोसियों के रहम-अो-करम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 11, 2015 8:03 PM

…पड़ोसियों के रहम-अो- करम पर जिंदा है अंधी वृद्ध महिला फोटो – 11 घाटो -3 खटिया पर पड़ी अंधी वृद्धा मनुआ देवी रवींद्र कुमार, घाटोटांड़. मांडू प्रखंड अंतर्गत इचाकडीह पंचायत के गायत्री नगर मजदूर कॉलोनी में रहने वाली दोनों आंख से अंधी 65 वर्षीया वृद्ध महिला मनुआ देवी पिछले चार साल से पड़ोसियों के रहम-अो-करम पर जिंदा है. उसकी देख- रेख करने वाला अपना कोई नहीं है. नि:संतान मनुआ देवी के रिश्तेदारों ने भी उससे मुंह मोड़ लिये हैं . सरकारी महकमा भी उसे सहयोग नहीं कर रहा . वह कई वर्षों से सीसीएल के एक जर्जर क्वार्टर में अकेली रह रही है. बीमारी व अंधापन के कारण वह एक कमरे में पड़ी रहती है. पड़ोसियों को उस पर दया आती है, तो वे कुछ खाने पीने को दे देते हैं . वरना वह भूखे पड़ी रहती है. सीसीएल कर्मी सोहराई भुइयां पहली पत्नी के मर जाने के बाद उसे शादी कर लाया था . परंतु इससे भी कोई संतान नहीं हुई . इसी बीच उसके पति सोहराई भुइयां का निधन हो गया . पति के निधन के बाद वह अकेली हो गयी . तभी उसका स्वास्थ्य ठीक था. वह मेहनत-मजदूरी कर अपना जीवन बसर कर ले रही थी . चार साल पहले वह बीमार पड़ी . देख- रेख व सरकारी मदद के अभाव में उसकी दोनों आंखों की रोशनी चली गयी . इसके बाद से ही वह पूरी तरह से पड़ोसियों के रहमो करम पर जीने लगी . कई बार सरकार से मदद की गुहार लगायी , परंतु सरकारी महकमे से उसे किसी तरह का कोई सहयोग नहीं मिला . यहां तक कि लाल कार्ड व वृद्धा पेंशन के लिए भी पंचायत जन प्रतिनिधियों से गुहार लगाती रही . आंख का ऑपरेशन करावा देने की मिन्नतें की, ताकि वह चल- फिर कर अपना नित्य क्रिया कर सके . परंतु कहीं से कोई सहयोग नहीं मिला . थक हार कर उसने अपने आप को पड़ोसियों के रहमो करम पर छोड़ दिया . अभी वह एक कमरे में टूटी खाट पर पड़ी रहती है. साफ- सफाई, देख- रेख के अभाव में उस कमरे से बास आती है. स्थानीय लोगों ने बताया कि यदि सरकारी तंत्र ने इसे गंभीरता से नहीं लिया, तो वह कभी भी काल के गाल में समा सकती है.

Next Article

Exit mobile version