12 लाख के इलेक्ट्रॉनिक सामान मिले

रामगढ़ : रामगढ़ पुलिस ने साइबर क्राइम गिरोह का परदाफाश किया है. इस गिरोह के एक सदस्य को पूर्णिया (बिहार) से दबोचा गया है. उसके पास से 11 से 12 लाख के कंप्यूटर, सोना-चांदी, इलेक्ट्रॉनिक सामान व नकद 35 हजार रुपये बरामद किये गये हैं. उक्त बातें रामगढ़ एसपी डॉ एम तमिलवाणन ने गुरुवार को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 8, 2016 8:21 AM
रामगढ़ : रामगढ़ पुलिस ने साइबर क्राइम गिरोह का परदाफाश किया है. इस गिरोह के एक सदस्य को पूर्णिया (बिहार) से दबोचा गया है. उसके पास से 11 से 12 लाख के कंप्यूटर, सोना-चांदी, इलेक्ट्रॉनिक सामान व नकद 35 हजार रुपये बरामद किये गये हैं. उक्त बातें रामगढ़ एसपी डॉ एम तमिलवाणन ने गुरुवार को रामगढ़ थाना में प्रेसवार्ता में कही.
उन्होंने कहा कि लपंगा निवासी सुशांत कुमार बनर्जी (पिता श्यामल कुमार बनर्जी ) ने ऑनलाइन रुपये निकासी की प्राथमिकी दर्ज करायी थी. इस संबंध में पतरातू (भुरकुंडा) थाना में मामला दर्ज किया गया था.
तकनीकी शाखा, रांची ने मदद की : इंफॉरमेशन टेक्नोलॉजी एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज करने के कारण इस मामले के लिए प्रदेश की तकनीकी शाखा से सहयोग लिया गया. तकनीकी सेल के एसपी मुरूगण के निर्देशन में इस मामले की जांच शुरू करायी गयी. इसमें पता चला कि स्नैपडील कंपनी के माध्यम से ऑनलाइन खरीदारी की गयी थी. जांच में पता चला कि ऑनलाइन शॉपिंग के सामान ब्लू डार्ट कूरियर के माध्यम से विष्णु कुमार (पिता नरेश कुमार राम, कमलानगर थाना केहाट मधुमनी जिला पूर्णिया, बिहार) के यहां डिलिवर होना है.
इसके आधार पर टीम ने छापामारी कर ब्लू डार्ट कूरियर के यहां से विष्णु कुमार को करीब 9307 रुपये के मोबाइल पैकेट रिसीव करते हुए पकड़ा.
पांच लोग सक्रिय हैं गिरोह में : इस गिरोह में चार से पांच लोग सक्रिय हैं. पकड़ा गया आरोपी विष्णु कुमार इस गिरोह का दूसरा सबसे सक्रिय सदस्य है. यह बीकॉम का छात्र है. सरगना बीटेक किया हुआ है. वह बिहार का ही रहनेवाला है. यह गिरोह ऑनलाइन धोखाघड़ी का काम करता है. विष्णु ने नयी गाड़ी खरीदी है. वह घर भी बनवा रहा है. रामगढ़ जिला में साइबर क्राइम के संबंध में चार प्राथमिकी दर्ज है. इस पर पुलिस अनुसंधान कर रही है.
गिरोह ने चार इंड्रायड एप्लीकेशन डेवलेप किया है : वर्ष 2011 से यह गिरोह सक्रिय है. पहले लोगों से एटीएम से संबंधित जानकारी लेकर ऑनलाइन खरीदारी करते थे. बाद में लोगों में जागरूकता बढ़ने के कारण अब गिरोह ने ऑनलाइन क्राइम में नये तरीके से काम करना शुरू किया. सरगना ने बैंक ग्राहकों के डिटेल को जानने के लिए चार एप्लीकेशन बनाया है. इसमें बैंक बैलेंस चेकर एप्लीकेशन के माध्यम से किसी भी ग्राहक की गोपनीय जानकारी संग्रहित की जाती है.
इसके बाद एटीएम से निकासी की जाती है. इस एप्लीकेशन में जाते ही एरर बताता है. इसी बीच उसकी गोपनीय जानकारी इसके पास चली जाती है. इस प्रकार इस गिरोह ने हजारों लोगों के डाटा बेस को जमा कर रखा है. इसे नष्ट करना पुलिस की पहली प्राथमिकता है. यह काम साइबर सेल के माध्यम से किया जायेगा.
स्नेपडील व अन्य शॉपिंग से ऑनलाइन करते हैं खरीदारी : गिरोह के लोग स्नेपडील सहित ऑनलाइन कंपनी से खरीदारी करते हैं. इसके बाद खरीदे गये सामान को ओएलएक्स में बेचते हैं. जिस ग्राहक के पास एसएमएस अलर्ट है, उसे निकासी का पता चलता है. जिसके पास एसएमएस अलर्ट नहीं है, उसे पता भी नहीं चलता है कि उसके बैंक खाता से कितने रुपये की निकासी की गयी है.
साइबर अपराधी के घर से 11-12 लाख के सामान बरामद : विष्णु के घर से 11-12 लाख के इलेक्ट्रॉनिक सामान व नकदी जब्त किये गये हैं. इसमें लैप टॉप विथ चार्जर पांच पीस, टैब दो पीस, मोबाइल-10पीस, आइफोन एप्पल एक पीस, 27 ग्राम सोना, पांच किलो चांदी (सिक्का, चम्मच, प्लेट आदि), एलसीडी प्रिंटर एक पीस, एटीमए-10 पीस, सीपीयू एक पीस व नकद 35 हजार रुपये जब्त किये गये हैं. पुलिस ने इस गिरोह के सरगना की तलाश शुरू कर दी है.
छापामारी टीम में शामिल सदस्य : आइटी एक्ट के तहत प्राथमिकी के आइओ पतरातू के इंस्पेक्टर दिनेश पासवान, पुअनि उमाशंकर (अपराध), तकनीकी शाखा रांची के कुमार सौरभ, आरक्षी सुरेश कुमार व धमेंद्र कुमार शामिल हैं. यह तकनीकी शाखा रांची को छापामारी में मदद कर रहे थे. प्रेसवार्ता में एसपी डॉ एम तमिलवाणान व इंस्पेक्टर पतरातू दिनेश पासवान, आरक्षी सुरेश कुमार मुख्य रूप से मौजूद थे.

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