केंद्र की मजदूर विरोधी नीतियों के विरोध का निर्णय

रामगढ़ : इफिको के बसावन सिंह भवन में 21 फरवरी को संयुक्त ट्रेड यूनियनों की बैठक हुई. बैठक की अध्यक्षता मासस के जिलाध्यक्ष मिथिलेश सिंह ने किया. इस मौके पर श्री सिंह ने कहा कि वर्तमान केंद्र सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के कोयला उद्योग को देशी-विदेशी कंपनियों के हवाले करना चाहती है. श्रम कानूनों को मालिकों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 21, 2016 11:23 PM
रामगढ़ : इफिको के बसावन सिंह भवन में 21 फरवरी को संयुक्त ट्रेड यूनियनों की बैठक हुई. बैठक की अध्यक्षता मासस के जिलाध्यक्ष मिथिलेश सिंह ने किया. इस मौके पर श्री सिंह ने कहा कि वर्तमान केंद्र सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के कोयला उद्योग को देशी-विदेशी कंपनियों के हवाले करना चाहती है.
श्रम कानूनों को मालिकों के पक्ष में बदलने के लिए कानून में संशोधन कर रही है. एटक के अशोक यादव ने कहा कि यह लड़ाई आर-पार की होगा. इंटक के सीपी संतन ने कहा कि हमलोग पूरी ताकत के साथ आंदोलन को आगे बढ़ायेंगे. एचएमएस के आरबी राघवन ने कहा कि यह लड़ाई केंद्र सरकार के मजदूर, किसान, ठेका मजदूर विरोधी नीतियों को पीछे धकेलने की लड़ाई है.
सर्वसम्मति से आंदोलन की रूपरेखा तय : बैठक में सर्वसम्मति से आंदोलन के कार्यक्रम को तय किया गया. इसमें सात से 10 मार्च तक चार दिनों तक कोयला उद्योग में वर्क टू रूल करने, 29 मार्च को कोल इंडिया लिमिटेड एवं सिंगरेनी कोल फिल्ड में एक दिन की हड़ताल करने का निर्णय लिया गया.
इसके लिये पांच मार्च को सीसीएल स्तर पर सेमिनार का आयोजन बरकाकाना में करने का भी निर्णय लिया गया. मौके पर आरपी सिंह, उद्धव सिंह, धनेश्वर तुरी, सफीक, मो इनाम, अशोक यादव, विंध्याचल बेदिया, कन्हैया सिंह, बालेश्वर महतो, सतीश सिन्हा, विनोद कुमार, खुशीलाल महतो, अशोक गुप्ता, मनोकामना सिंह, अवध किशोर सिंह, सूर्यदेव सिंह, के नायक, आरवी राघवन सहित सीटू, एटक, एजेएसएस, एचएमएस, इंटक यूनियन के प्रतिनिधि मौजूद थे.

Next Article

Exit mobile version