भाजपा सरकार किसान और मजदूर विरोधी

रामगढ़ : राज्य की वर्तमान भाजपा सरकार ने राज्य ही नहीं देश के इतिहास में एक विचित्र प्रयोग किया है. पहली बार जमीन की पूर्व से तय कीमत से 80 प्रतिशत घटा कर भूमि का दर निर्धारित किया है. ताकि जमीन के अधिग्रहण की स्थिति में उद्योगपतियों को कम राशि का भुगतान रैयतों को करना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 17, 2016 7:15 AM
रामगढ़ : राज्य की वर्तमान भाजपा सरकार ने राज्य ही नहीं देश के इतिहास में एक विचित्र प्रयोग किया है. पहली बार जमीन की पूर्व से तय कीमत से 80 प्रतिशत घटा कर भूमि का दर निर्धारित किया है. ताकि जमीन के अधिग्रहण की स्थिति में उद्योगपतियों को कम राशि का भुगतान रैयतों को करना पड़े. इससे यह भी स्पष्ट होता है कि सरकार को पूंजीपतियों, उद्योगपतियों की चिंता है. ना कि रैयतों की. उक्त बातें झामुमो के जिलाध्यक्ष विनोद किस्कू ने बुधवार को होटल ट्रीट में आयोजित पत्रकार सम्मेलन में पत्रकारों से कही.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार मजदूर विरोधी कार्य कर रही है. पहले किसी भी संस्थान में 10 मजदूर रहने पर पीएफ काटे जाने का प्रावधान था. इसे बढ़ा कर 20 मजदूर की सीमा निर्धारित कर दी गयी है. उन्होंने कहा कि हम विकास में कोई बाधा नहीं डालना चाहते हैं. लेकिन हम चाहते हैं कि अधिग्रहण में वर्ष 2013 की भूमि नीति का अक्षरश: पालन हो.
उन्होंने राज्य कारखाना व ठेका नीति कानून 2015 समाप्त करने तथा नियोजन नीति लागू करने की मांग की. पत्रकार सम्मेलन में झामुमो जिला सचिव अनमोल सिंह, भुनेश्वर महतो उर्फ भुन्नु महतो, महेंद्र मुंडा, महेश ठाकुर, अभिमन्यू सिंह, सुखदेव महतो, नसीम अहमद कुरैशी, रियाज शायरी, धर्मेंद्र मिश्रा, विनोद चौरसिया, मुरलीधर कोठारी, राममोहन महतो, सहदेव प्रजापति, हरिलाल बेदिया, प्रेम सिंह आदि मौजूद थे.

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