जलमीनार पर मंडरा रहा खतरा टला, बंद नहीं होगी जलापूर्ति
जनप्रतिनिधियों के कड़े रुख व पेयजल विभाग की मांग पर सीसीएल ने रोका पोखरिया को सुखाने का काम भुरकुंडा : पानी के मामले में भुरकुंडा की लाइफ लाइन मानी जानेवाली हुरूमगढ़ा की जलमीनार से निर्बाध जलापूर्ति होती रहेगी. इस पर मंडरा रहा संकट फिलहाल टल गया है. सीसीएल बरका-सयाल जीएम प्रकाश चंदा ने बलकुदरा पोखरिया […]
जनप्रतिनिधियों के कड़े रुख व पेयजल विभाग की मांग पर सीसीएल ने रोका पोखरिया को सुखाने का काम
भुरकुंडा : पानी के मामले में भुरकुंडा की लाइफ लाइन मानी जानेवाली हुरूमगढ़ा की जलमीनार से निर्बाध जलापूर्ति होती रहेगी. इस पर मंडरा रहा संकट फिलहाल टल गया है. सीसीएल बरका-सयाल जीएम प्रकाश चंदा ने बलकुदरा पोखरिया को फिलहाल सुखाने का काम रूकवा दिया है.
इस संबंध में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अधिकारियों ने उनसे वैकल्पिक व्यवस्था होने तक पोखरिया से जलमीनार को जलापूर्ति जारी रखने का आग्रह किया था. इसके आलोक में जीएम ने भुरकुंडा पीओ को दिशा-निर्देश जारी कर दिया है. प्रभात खबर ने जलमीनार पर मंडरा रहे संकट को लगातार प्रमुखता से उठाया. इसके बाद सीसीएल प्रबंधन ने जनहित में सकारात्मक पहल की. हालांकि जीएम ने यह स्पष्ट कर दिया है कि बहुत लंबे समय तक वे पोखरिया को सुखाने का काम बंद नहीं रखा जा सकता है. इससे भविष्य में कोयला उत्पादन पर सीधा असर पड़ेगा.
जलमीनार से लाभान्वित होने वाले पांच पंचायत भुरकुंडा, जवाहर नगर, सुंदर नगर, पटेल नगर व कुरसे के लोगों में सीसीएल के कदम से हर्ष का माहौल है. जलमीनार से करीब 10 हजार लोगों को पानी मिलता है. इसके बंद होने की सूचना से लोग काफी चिंतित थे. इधर, जनप्रतिनिधियों का कहना है कि सीसीएल ने सार्थक पहल कर दी है. अब पेयजल विभाग की बारी है. वो समय रहते वैकल्पिक व्यवस्था को पूरा करे, ताकि क्षेत्र में सुचारू रूप से जलापूर्ति होती रहे.