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संस्कृति से जुड़ा है सरहुल
भेलगढ़ा में हर्षोल्लास के साथ मना सरहुल घाटोटांड़ : आदिवासी संथाल युवा समिति द्वारा भेलगढ़ा में प्रकृति का महापर्व सरहुल धूमधाम से मनाया गया. इस अवसर पर जुलूस निकाली गयी. इसमें सैकड़ों लोग शामिल हुए. पाहन ने पारंपरिक तरीके से सखुआ वृक्ष की पूजा-अर्चना कर मुरगे की बली दी. समिति ने समारोह के मुख्य अतिथि […]
भेलगढ़ा में हर्षोल्लास के साथ मना सरहुल
घाटोटांड़ : आदिवासी संथाल युवा समिति द्वारा भेलगढ़ा में प्रकृति का महापर्व सरहुल धूमधाम से मनाया गया. इस अवसर पर जुलूस निकाली गयी. इसमें सैकड़ों लोग शामिल हुए. पाहन ने पारंपरिक तरीके से सखुआ वृक्ष की पूजा-अर्चना कर मुरगे की बली दी.
समिति ने समारोह के मुख्य अतिथि व विशिष्ट अतिथियों का स्वागत पारंपरिक तरीके से पगड़ी पहना कर किया. इस मौके पर मुख्य अतिथि जिप सदस्य दुष्यंत कुमार पटेल ने कहा कि सरहुल प्रकृति का महापर्व है. जो झारखंड की संस्कृति से जुड़ा हुआ है. इस पर्व से प्रेरणा लेकर हम सभी को ज्यादा से ज्यादा वृक्ष लगाना चाहिए. इस अवसर पर भेलगढ़ा,करमटिया, जितराटोंगरी, झारना बस्ती,लार टोंगरी, जोनरागोढ़ा,परसाबेड़ा आदि से आो युवक-युवतियों की टोली द्वारा पारंपरिक नृत्य प्रस्तुत किया गया. इसके अलावे आयोजक व अतिथि भी मांदर के थाप पर जम कर झुमे.
इस मौके पर सीसीएल केदला उत्खनन परियोजना पदाधिकारी रंजय कुमार सिन्हा, झामुमो जिलाध्यक्ष विनोद किस्कू, अकल उरांव, मुखिया पंकज कुमार महतो,पूर्व मुखिया गिरधारी महतो,राम कुमार मांझी, बीरू टुडू,विजेंद्र करमाली, बिरसा मुर्मू, अनिल करमाली, दीपक टुडू, सुनील बास्के,बिरसा मांझी, एतवा मांझी, बलकू उरांव, रंजीत उरांव, दिनेश मांझी समेत कई लोग उपस्थित थे.
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