सीएम का फूंका पुतला

रामगढ़ : झारखंड मुक्ति मोरचा जिला समिति के तत्वावधान में 28जुलाई को सुभाष चौक के समीप मुख्यमंत्री झारखंड रघुवर दास का पुतला फूंका गया. इसका नेतृत्व जिलाध्यक्ष विनोद किस्कू ने किया. मौके पर वक्ताओं ने कहा कि राज्य की रघुवर सरकार ने एसपीटी/सीएनटी एक्ट में संशोधन के लिये महामहिम राज्यपाल हो भेजा है. इस संशोधन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 29, 2016 7:36 AM
रामगढ़ : झारखंड मुक्ति मोरचा जिला समिति के तत्वावधान में 28जुलाई को सुभाष चौक के समीप मुख्यमंत्री झारखंड रघुवर दास का पुतला फूंका गया. इसका नेतृत्व जिलाध्यक्ष विनोद किस्कू ने किया. मौके पर वक्ताओं ने कहा कि राज्य की रघुवर सरकार ने एसपीटी/सीएनटी एक्ट में संशोधन के लिये महामहिम राज्यपाल हो भेजा है. इस संशोधन से राज्य के मूलवासी व आदिवासियों का शोषण होगा. यह जनता की भावना के खिलाफ व अन्यायपूर्ण है.
इसके विरोध में झामुमो के द्वारा मुख्यमंत्री का पुतला फूंका गया है. इस मौके पर जिला कोषाध्यक्ष भुवनेश्वर महतो भुन्नू, महेश ठाकुर, मन्नु यादव, सुदर्शन महतो, नसीम अहमद कुरैशी, गीता विश्वास, राजेश कुशवाहा, गुलाम नबी, हरिलाल बेदिया, बालेश्वर महतो, राजमोहन महतो, खुर्शीद आलम, अनिल नायक, उत्तम कुमार महतो, रोहन राम बेदिया, विनोद चौरसिया, भोलु, कुंवर महतो, पवन करमाली, इरफान बान, अर्जुन भुइयां सहित कई कार्यकर्ता मौजूद थे.
घाटोटांड : सीएनटी एक्ट व एसपीटी एक्ट में बदलाव का अध्यादेश वापस लेने की मांग को लेकर गुरुवार को झामुमो कार्यकर्ताओं ने वेस्ट बोकारो के 12 न. चौक पर मुख्यमंत्री रघुवर दास का पुतला दहन किया . पुतला दहन से पूर्व झामुमो केदला दक्षिणी पंचायत के कार्यकर्ताओं ने मोटरसाइकिल रैली निकाली . रैली स्थानीय 12 न. चौक पहुंच कर नुक्कड़ सभा में तबदील हो गयी .
सभा को संबोधित करते हुए झामुमो के जिलाध्यक्ष विनोद किस्कू ने कहा कि भाजपा की रघुवर दास सरकार झारखंड के मूल वासी आदिवासियों की हितों की अनदेखी करते हुए गैरवाजिब अध्यादेश लाने पर अमादा है. झामुमो इसका हर स्तर पर विरोध करेगी. कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री के विरोध में नारेबाजी करते हुए पुतला दहन किया . इसमें फुलचंद हेम्ब्रोम , विश्राम मांझी , नरेश हंसदा, कृष्णा हेम्ब्रोम , बुधन, वीरू, विजय , हरेंद्र , ओमप्रकाश, भोला मुर्मू, दशरथ मुर्मू, गंगा हेम्ब्रोम, सोना राम, कन्हैया कुमार,प्रमोद कुमार, सुनील शर्मा, मानाराम मांझी, आदि शामिल थे .

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