ठेका श्रमिक काम पर लौटे
पतरातू : पीटीपीएस में प्लांट के बाहर कार्यरत ठेका श्रमिक सोमवार की सुबह से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये. इसमें विद्युत सप्लाई विभाग, फिल्ट्रेशन प्लांट, चिकित्सालय, रसियन हॉस्टल, सर्किट हाउस, टेलीफोन एक्सचेंज के कर्मी शामिल थे. इनके हड़ताल पर जाने के कारण सुबह की पाली में श्रमिक कार्य पर नहीं आये. इसका पहला प्रभाव कॉलोनी […]
पतरातू : पीटीपीएस में प्लांट के बाहर कार्यरत ठेका श्रमिक सोमवार की सुबह से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये. इसमें विद्युत सप्लाई विभाग, फिल्ट्रेशन प्लांट, चिकित्सालय, रसियन हॉस्टल, सर्किट हाउस, टेलीफोन एक्सचेंज के कर्मी शामिल थे.
इनके हड़ताल पर जाने के कारण सुबह की पाली में श्रमिक कार्य पर नहीं आये. इसका पहला प्रभाव कॉलोनी क्षेत्र में जलापूर्ति पर पड़ा. इसके बाद लगभग आठ बजे बिजली आपूर्ति बाधित हो गयी, जिसे ठीक करने के लिए कर्मी नहीं गये. इस कारण कॉलोनी समेत आसपास के क्षेत्रों में बिजली गायब हो गयी.
इस बीच श्रमिकों ने सब स्टेशन के पास प्रबंधन के विरोध में जम कर नारेबाजी की. श्रमिकों द्वारा एक अप्रैल से बकाये वेतन का भुगतान व नया कार्यादेश देने की मांग की जा रही थी. पीटीपीएस के महाप्रबंधक बच्चू नारायण ने मजदूरों को समझाने का प्रयास किया, पर वो बिना लिखित समझौता के अपनी मांगों पर अड़े रहे. दूसरी ओर मजदूरों के हड़ताल के मद्देनजर जिला से पुलिस बल मंगाया गया था. पुलिस के जवान प्लांट के मुख्य गेट समेत आसपास के जगहों पर तैनात थे.
सात घंटे बाद हुई वार्ता : मजदूरों के हड़ताल पर जाने के लगभग सात घंटे बाद प्रबंधन व मजदूर प्रतिनिधियों के बीच महाप्रबंधक कार्यालय में वार्ता हुई. लिखित समझौता के बाद मजदूरों ने हडताल तोड़ा. प्रबंधन द्वारा इसकी सूचना मुख्यालय को दी गयी. सूचना के बाद रांची से वित्त नियंत्रक अमित बनर्जी यहां पहुंचे. इसके बाद लगभग एक बजे मजदूर प्रतिनिधियों के साथ वार्ता हुई.
वार्ता में मजदूरों से हड़ताल पर जाने के कारण विद्युत व पेयजल व्यवस्था चरमरा जाने के कारण अविलंब कार्य पर लौटने की अपील की गयी. वार्ता में मजदूरों का एक अप्रैल से 31 जुलाई तक लंबित वेतन का भुगतान तीन दिनों के अंदर करने व चिकित्सालय के ठेका श्रमिकों का वेतन भुगतान 10 अगस्त से पूर्व करने की व्यवस्था करने पर निर्णय हुआ. 15 अगस्त तक मजदूरों का गेटपास निर्गत करने की व्यवस्था विद्युत अधीक्षण अभियंता तकनीकी द्वारा किया जायेगा. 15 अगस्त के पूर्व एक अगस्त से 30 नवंबर 2016 तक आवश्यक कार्यादेश सक्षम स्तर पर अनुमोदन प्राप्त कर निर्गत कर दिया जायेगा.
इन बिंदुओं पर लिखित समझौता के बाद मजूदर अपने कार्य पर लौट गये. वार्ता में प्रबंधन की ओर से वित्त नियंत्रक अमित बनर्जी, जीएम बच्चू नारायण, जीएम के टीएस प्रभाकर झा, वित्त व लेखा डीजीएम योगेंद्र पासवान, अभियंता एसएन प्रसाद, आलोक कुमार सुमन समेत बिहार विद्युत कामगार संघ के प्रतिनिधियों में अध्यक्ष नरेश महतो, सचिव सुरेश साव, ललन सिंह, देवेंद्र प्रसाद, अखिलेश शर्मा, टोरिस यादव उपस्थित थे.
ठेका श्रमिकों को शीघ्र काम पर लेने की मांग
वरिष्ठ श्रमिक नेता निरंजन लाल, कौशलेंद्र कुमार, राजनाथ सिंह ने मांग की है कि 72 ठेका श्रमिकों को शीघ्र काम पर वापस लिया जाये. ताकि बाधित होनेवाली सेवाओं को शीघ्र संचालित किया जा सके. उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार व एनटीपीसी के बीच हुए एकरारनामे में पीवीयूएनएल की स्थापना से किसी भी श्रमिक को कोई क्षति नहीं होने का आश्वासन दिया गया था. पर प्लांट से बाहर कार्यरत 72 ठेका श्रमिकों को प्रत्यक्ष रूप से क्षति पहुंचायी जा रही है.