रजरप्पा : देश के विकास में महिलाओं को भागीदार बनाने के लिए उन्हें 33 फीसदी आरक्षण देने की बात वर्षों से नहीं दशकों से हो रही है. लेकिन, इस दिशा में अब तक कोई ठोस पहल नहीं हुई. देश के राजनेता चाहते हैं कि उनके रहम-ओ-करम पर महिलाओं को किसी क्षेत्र में भागीदारी मिले. दूसरी तरफ, देश की आधी आबादी अपने दम पर कदम-दर-कदम बढ़ा रही हैं. पुरुषों से कंधे से कंधा मिला कर चल रही हैं. कई जगह वह पुरुषों से आगे निकल गयी हैं.
बिना आरक्षण, बिना किसी की मदद के, अपने दम पर बिना किसी शोर-शराबा के नयी इबारत लिख रही हैं. वर्तमान में रामगढ़ जिला में प्रशासनिक और अन्य महत्वपूर्ण पदों पर महिला पदाधिकारी विराजमान हैं. पूरे जिले के विकास की जिम्मेवारी यही महिला पदाधिकारी निभा रही हैं. जी हां, उपायुक्त से लेकर बीडीओ, सीओ तक और कोषागार से रजिस्ट्रार और जिला शिक्षा पदाधिकारी तक की जिम्मेवारी महिलाएं निभा रही हैं. कई स्कूल-कॉलेजों में महिला प्राचार्य हैं. इतना ही नहीं, पिछले दिनों हुए पंचायत चुनाव में आरक्षित सीटों पर भारी संख्या में महिलाएं प्रमुख, पार्षद और मुखिया चुनी गयी हैं, जो किसी न किसी रूप में विकास और प्रशासन में योगदान दे रही हैं.