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उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म की हुई पूजा

श्री दशलक्षण महापर्व रामगढ़. श्री दिगंबर जैन मंदिर रामगढ़ में चल रहे दस दिवसीय श्री दशलक्षण महापर्व के 10वें व आखिरी दिन गुरुवार को उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म की पूजा विधि-विधान के साथ की गयी. मौके पर बताया गया कि संयमित व्यवहार के साथ आत्मा में रमने की प्रवृत्ति को उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म कहा जाता है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 16, 2016 1:32 AM
श्री दशलक्षण महापर्व
रामगढ़. श्री दिगंबर जैन मंदिर रामगढ़ में चल रहे दस दिवसीय श्री दशलक्षण महापर्व के 10वें व आखिरी दिन गुरुवार को उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म की पूजा विधि-विधान के साथ की गयी. मौके पर बताया गया कि संयमित व्यवहार के साथ आत्मा में रमने की प्रवृत्ति को उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म कहा जाता है.
कहा गया कि ब्रह्मचर्य से ही लौकिक व अलौकिक उन्नति संभव है. ब्रह्मचर्य धारण करके ही सत्य रूपी हीरा को पाया जा सकता है. आज श्री दशलक्षण महापर्व के क्रम में अनंत चतुदर्शी भी मनाया गया. मौके पर दोपहर में श्रीजी का अभिषेक किया गया. साथ ही आज भगवान वासपूज्या स्वामी का निर्वाण दिवस मनाया गया.
श्री दशलक्षण महापर्व के अंतिम दिन श्री जी के प्रथम अभिषेक का मौका महावीर प्रसाद छाबड़ा, नरेंद्र छाबड़ा व उनके परिवार को मिला. साथ ही शांतिधारा करने का मौका रमेश सेठी, विकास सेठी, अनित सेठी व उनक परिवार के लोगों को मिला. श्री दिगंबर जैन समाज के मीडिया प्रभारी राहुल पाटनी ने बताया कि 17 सितंबर को क्षमावाणी का आयोजन किया जायेगा. दस दिनों तक चले आयोजन में श्री दिगंबर जैन समाज, जैन युवा महासंघ व जैन महिला मिलन समाज ने सराहनीय योगदान दिया.

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