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डॉक्टरों की हड़ताल से मरीज परेशान
मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू कराने को लेकर चिकित्सकों ने किया कार्य बहिष्कार रामगढ़ : झासा के निर्देश पर मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट को लागू करने के लेकर चिकित्सकों का तीन दिवसीय आंदोलन बुधवार से रामगढ़ जिला में शुरू हुआ. रामगढ़ के सरकारी चिकित्सकों ने ओपीडी कार्य का बहिष्कार किया. जिला के सदर अस्पताल, सीएचसी, पीएचसी में […]
मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू कराने को लेकर चिकित्सकों ने किया कार्य बहिष्कार
रामगढ़ : झासा के निर्देश पर मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट को लागू करने के लेकर चिकित्सकों का तीन दिवसीय आंदोलन बुधवार से रामगढ़ जिला में शुरू हुआ. रामगढ़ के सरकारी चिकित्सकों ने ओपीडी कार्य का बहिष्कार किया. जिला के सदर अस्पताल, सीएचसी, पीएचसी में ओपीडी कार्य नहीं किया गया. सदर अस्पताल के चिकित्सकों ने अस्पताल में उपस्थिति दर्ज करायी लेकिन ओपीडी कार्य नहीं किया. ओपीडी नहीं करने से मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. हालांकि चिकित्सकों ने इमरजेंसी सेवा को सुचारू रखा. सदर अस्पताल रामगढ़ के बाद बैनर लगा कर चिकित्सकों ने कार्य बहिष्कार किया. कार्य बहिष्कार के क्रम में सीएस डॉ सुनील उरांव, एसीएमओ डॉ अनुराधा कश्यप, डॉ अशोक कुमार पाठक, डीएस डॉ अवधेश कुमार सिन्हा, डॉ केएन प्रसाद, डॉ जेसी दास, डॉ महालक्ष्मी प्रसाद, डॉ सबीता वर्मा, डॉ वंदना गौड़ सहित अन्य चिकित्सकों ने कार्य का बहिष्कार किया.
चिकित्सकों ने कार्य बहिष्कार किया : गोला़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गोला के चिकित्सकों ने मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग को लेकर कार्य का बहिष्कार किया. इस दौरान चिकित्सक 29 व 30 सितंबर को भी ड्यूटी नहीं करेंगे. इस बीच आपातकालीन सेवा जारी रहेगी. यह जानकारी डॉ प्रेम कुमार ने दी.
पहला दिन सफल रहा : झासा अध्यक्ष
झासा के रामगढ़ जिला अध्यक्ष डॉ अवधेश कुमार सिन्हा ने बताया कि तीन दिवसीय आंदोलन जिला में शुरू किया गया. सरकार मुख्यमंत्री व स्वास्थ्यमंत्री के आश्वासन के बावजूद मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट को लागू करने में आनाकानी कर रही है. इसी के विरोध में तीन दिवसीय आंदोलन शुरू किया गया है. पहले दिन चिकित्सकों ने कार्य का बहिष्कार कर आंदोलन को सफल बनाया है.
इमरजेंसी सेवा चालू रखा गया था. इमरजेंसी को देखते हुए सदर अस्पताल में एक सिजेरियन किया गया. झासा के जिला सचिव डॉ मृत्युंजय कुमार सिंह ने बताया कि आंदोलन चरणबद्ध चलाया जा रहा है. 30 सितंबर को जिला के सभी निजी चिकित्सक कार्य का बहिष्कार करेंगे. इमरजेंसी सेवा बहाल रखा जायेगा. दो अक्तूबर को सामूहिक इस्तीफा दिया जायेगा. इसे 15 अक्तूबर को मुख्यमंत्री को सौंपा जायेगा.
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