बच्चों को अकेला नहीं छोड़ा जायेगा

पिता ने अपने चार छोटे बच्चों को बेसहारा छोड़ा, टीम पहुंची गांव, कहा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने संज्ञान लिया. रामगढ़/मांडू : सीसीएल की डकरा कोलियरी क्षेत्र में काम करनेवाले जीतन मांझी ने अपने बच्चों को भूखे मरने के लिए छोड़ दिया था. इससे संबंधित समाचार गुरुवार को प्रभात खबर के मुख्य पृष्ठ पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 14, 2014 4:40 AM

पिता ने अपने चार छोटे बच्चों को बेसहारा छोड़ा, टीम पहुंची गांव, कहा

उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने संज्ञान लिया.

रामगढ़/मांडू : सीसीएल की डकरा कोलियरी क्षेत्र में काम करनेवाले जीतन मांझी ने अपने बच्चों को भूखे मरने के लिए छोड़ दिया था. इससे संबंधित समाचार गुरुवार को प्रभात खबर के मुख्य पृष्ठ पर छपी थी. खबर छपने के बाद गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश ने पूरे मामले पर नजर रखने का निर्देश हजारीबाग जिला सत्र न्यायाधीश नागेश्वर प्रसाद को दिया है.

इधर जिला सत्र न्यायाधीश हजारीबाग ने तत्काल उच्च न्यायालय के निर्देश पर अमल करते हुए जांच के लिए बाल कल्याण समिति हजारीबाग को मौके पर रवाना कर दिया है. जिला जज ने समिति को निर्देश दिया है कि बच्चों का उचित अभिरक्षा के साथ उनके देखरेख का माकूल व्यवस्था करें. समिति से कहा है कि पूरे मामले की जांच कर प्रतिवेदन जल्द प्रस्तुत करें.

इसके बाद गुरुवार देर शाम हजारीबाग जिला के चाइल्ड वेलफेयर कमेटी बेंच ऑफ मजिस्ट्रेट के चेयरमैन रजनी किरण, एनजीओ के चंद्र कुमार व जिला चाइल्ड प्रोटेक्शन ऑफिसर संजय प्रसाद मांडू अंचल कार्यालय पहुंचे. वे लोग सीओ से मामले की जानकारी ली. सीओ व पुलिसकर्मियों के साथ अधिकारियों का दल जीतन मांझी का गांव पहुंचा. वहां अधिकारियों ने कई जानकारी ली. ग्रामीणों ने अधिकारियों को बताया कि जीतन मांझी डकरा में ही रहता है. उसकी पहली पत्नी की मौत हो गयी है. पहली पत्नी से उसे छह बच्चे हैं.

बाद में उसने दूसरी शादी कर ली. दूसरी शादी उसने 2009 में अपनी साली से नहीं, बल्कि किसी अन्य महिला से की है.

अनाज खत्म होने से बच्चों की स्थिति बिगड़ी : ग्रामीणों ने कहा कि समाचार पढ़ने के बाद बच्चों को लाने के लिए उनके ननिहाल के लोग डकरा गये. उनलोगों ने बताया कि जीतन अपने पड़ोसियों के भरोसे बच्चों को छोड़ कर गायब था. इसी बीच अनाज खत्म होने से बच्चों की स्थिति बिगड़ गयी. आज लोगों ने जीतन को पकड़ कर बच्चों के पास पहुंचाया. जीतन व बच्चों के ननिहाल के लोग डकरा में ही हैं.

इसके बाद दल में शामिल लोग प्रखंड मुख्यालय पहुंचे. प्रखंड मुख्यालय में एसडीओ दिलेश्वर महतो, बीडीओ जागो महतो व सीओ राजेश कुमार से हजारीबाग से आये अधिकारियों के दल ने विचार-विमर्श किया. इस संबंध में रजनी किरण ने बताया कि बच्चों से पूछताछ के बाद ही कोई निर्णय लिया जायेगा या कोई कार्रवाई की जायेगी. अधिकारियों ने कहा कि बच्चों को भूखे नहीं मरने दिया जायेगा.

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